A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorizedअन्य खबरे

जनता का गुस्सा महज एक घटना के कारण उग्र रूप धारण नहीं करता चाहे वो कितनी भी बड़ी या दर्दनाक घटना क्यों ना हो,

जनता का गुस्सा महज एक घटना के कारण उग्र रूप धारण नहीं करता चाहे वो कितनी भी बड़ी या दर्दनाक
घटना क्यों ना हो, अगर थाने में आगजनी हो रही है, पत्थर फेंके जा रहे हैं, प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फुट रहा है, नारेबाज़ी हो रही है तो उसके पीछे केवल ये कारण नहीं कि घटना क्या हुई..
वास्तव में ये गुस्सा उनके द्वारा किए जा रहे रोजमर्रा की बदतमीजी, शोषण और घूसखोरी का नतीज़ा होता है.

कौन नहीं जानता आज कल हर कार्यालय में एक सरकारी मानव किसी गैर सरकारी मानव के साथ किस प्रकार अमानवीय व्यवहार करता है. कैसे हर कार्य के लिए बदतमीजी से बात किया जाता है. कैसे नीतीश कुमार के चाल चरित्र और बार-बार अलटा-पलटी ने नेताओं को पंगु बना दिया है. अधिकारीयों ने खुद को ही गुंडा समझ रखा है और लूटने का इरादे से ही वो कार्य करते हैं. हर कार्य के लिए पैसे लिए जा रहे हैं धौंस दिए जा रहे हैं.
चाहे मर्डर केश हो, भूमी विवाद हो, ब्लॉक में कोई काग़ज़ात बनाना हो,बिजली कनेक्शन का मामला हो हादसा होने पर मुआवजा लेने की बात हो आपको अधिकारीयों, कर्मचारियों और विभागों के बदतमीजी का सामना करना पड़ता ही है. साथ ही घूस देना ही पड़ेगा.
जब शोषण हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो लोगों का गुस्सा फुटना लाजमी है. वैसे में शोषित समाज मौके के तलाश में रहता है और जब भी मौका मिलता है वो अपना गुस्सा जरूर निकालता है, इस बीच लोगों द्वारा वैसे कार्य को भी अंजाम दे दिया जाता है जिसको कभी जायज नहीं ठहराया जा सकता.

चूंकि अब गुस्सा फुट रहा है, मामला गंभीर होता जा रहा है तो समाज के बीच से कोई सामाजिक कार्यकर्ता, जन-प्रतिनिधियों का ही सहारा बचता है जो लोगों को सम्भाल सके , किंतु ये लोग भी अफसरशाही, हकमारी और बदसलूकी से इतने त्रस्त होते हैं की वो जनता को संभालने में कोई रूचि लेना नहीं चाहते हैं ऐसा करने से जनता को लगता है के ये भी भ्रष्टाचारियों के साथ लिप्त है .लेकिन जब मामला अत्यधिक गंभीर हो जाता है, तो इन्हीं नेताओं को जनता को संभालने के लिए आना पड़ता है।
ताराबाड़ी की घटना में भी ऐसा ही हुआ जिला पार्षद आकश राज सहित स्थानीय मुखियागण जन-आक्रोश को देखते हुए घटना स्थल पर पहुंचते हैं तो उन्हें भी आमजनों को समझाते बूझते देखा जाता है जहाँ उन्हें भी जनता के गुस्से का सामना करना पड़ता है फिर भी वो लोगों को शांत कराने का प्रयास जारी रखते है.
किन्तु प्रशासन द्वारा समाज पर एक दवाब बनाने के नीयत से उन लोगों को पहले तो डीटेंड कर लिया जाता है, फिर चालान काट कर जेल भेज दिया जाता है, पत्रकारों को डराने के लिए पुलिस द्वारा उनकी भी पीटाई की जाती है, तेज तर्रार पत्रकार जुबैर सहाब को बेरहमी से पीटाई की गई..
भ्रष्टाचारियों की नीयत ये रहती है की, आगे उनके अनैतिक कार्य में कोई बाधा ना डाले इसके लिए उन लोगों को मुकादमा में फसाना ज़रूरी है यही कारण है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे लोगों पर विभागों द्वारा मुकादम दायर किया जाता रहा है ताकि इस अनैतिक कार्य में कोई अवरोध पैदा ना कर सके, इसी मकसद से हमारे साथी जिला पार्षदो पर गंभीर धाराओं पर मुकदमा किया जाता रहा है. जिला पार्षद प्रतिनिधि मुझ पर यानी फैसल जावेद यासीन ,मुजाहिद हुसैन, जिला पार्षद आकाश राज, हुसैन अख्तर उर्फ़ चुन्ना, परवेज मुशर्रफ पर एवं अन्य पर कई संगीन धाराओं में मुकदमा केवल इस लिए होता रहता है की अधिकारीयों और कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार और बदसलूकी बे-रोक टोक जारी रहे, और ऐसे अधिकारीयों को कमीशनखोर नेताओं का समर्थन प्राप्त होता है ताकि उनके कमिशनखोरी में कोई बाधा उत्पन्न ना हो.

ताराबाड़ी थाना में हुए आत्महत्या मामले को लेकर थाना परिसर में तोड़-फोड़ आगजनी एवं पुलिस पर हमला करने वाले के विरुद्ध 19 व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसमें कुछ लोग दोषी हैं तो कुछ को इसलिए भी फंसाया गया है कि पूर्व की भाँति अब वे लोग घूसखोरी और मनमानी से बाधा उत्पन्न ना करें.

– अवेश आलम
वंदे भारत टीवी लाइव न्यूज़
#ArariaKaMudda

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!