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अतिक्रमण मुक्त कराने वन विभाग की बड़ी कर कार्यवाही

 

बिरसा तहसील अंतर्गत ग्राम बोरी में 9/ 2/2024 बालाघाट उत्तर सामान्य वन मंडल के बिरसा दमोह परीक्षित अंतर्गत बुरी धूपगठ और सिंघनपुरी में वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए आवासीय मकान को पांचवें नोटिस के बाद वन विभाग के अमले ने 9 फरवरी को हटाने की कार्रवाई की इस दौरान आवासीय मकान के रहवासियों में नाराजगी देखी गई बताया जाता है कि वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 1706 धोपघट बीट में वन भूमि पर 15 से 20 लोगों ने 25 से 30 हैक्टर पर कब्जा कर खेती की जा रही थी जिसको लेकर वन विभाग ने पूर्व में नोटिस जारी किया था इस मामले में शिकायत और प्रकरण के चलते 29 जनवरी को कार्यालय कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट बालाघाट से अतिक्रमण को हटाए जाने की निर्देश के बाद 9 फरवरी को वन अमले ने भारी तादाद के साथ अतिक्रमण हटाने का कार्यवाही की वन भूमि में कब्जा कर मकान बना कर रह रहे तूफान सिंह साहू ,हीरमोतिन बाई के साथ 2 और मकान को वन विभाग टीम , पुलिस जवान,तहसीलदार, S.D.O(F) प्रशांत साकरे वन परिक्षेत्र अधिकारी बिरसा सौरभ शरणागत, वन परिक्षेत्र से अधिकारि मुकेश धुर्वे ,सहायक परिक्षेत्र अधिकारी दमोह जीवन लाल वरकड़े, बिरसा सहायक परिक्षेत्र ,अधिकारियों विनय धुर्वे ,सालेटेकरी सहायक परिक्षेत्र अधिकारी भुवनेश्वर सिंह,मछुरदा सहायक परिक्षेत्र अधिकारी सुखलाल गरदे और उत्तर वन मंडल के वन अमले की मौजूदगी में बुलडोजर से हटाया जाने की कार्यवाही की गई कलेक्टर के आदेश नोटिस से अतिक्रमण मुक्त कराया गया हमारी प्रेस टीम के द्वारा पूरे मामले से जुड़े व्यक्ति से बात करने पर कई बातें स्पष्ट हुई जिसमें यह देखा गया कि ग्राम बोरी में सैकड़ो मकान का निर्माण वन भूमि पर बने हुए हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सिर्फ दो मकान को वन भुमि से अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही की गई जिससे यह स्पष्ट दिख रहा है कि कहीं ना कहीं प्रशासनिक अधिकारी एवं कुछ राजनीति से जुड़े हुए लोगों के नाम सामने आ रहे हैं जिससे अतिक्रमण में पक्ष-पात किया गया है जो वन विभाग के नियम के विरुद्ध है एवं प्रशासनिक नियमों की अवहेलना की जा रही है नियम अनुसार कार्यवाही नहीं होना यह सवाल एक सवाल बनकर है सैकड़ो मकान अतिक्रमण के दायरे में आने के बावजूद सिर्फ दो मकानों को ही वन भूमि से अतिक्रमण मुक्त क्यों कराया गया ग्रामीणों से बात करने के बाद वन समिति के अध्यक्ष भरत लाल भवरे के द्वारा पूर्व में नर्सरी क्षेत्र के अंदर यह स्पष्ट देखा जा रहा उनके द्वारा खेती की जा रही है ग्रामीणों का यह कहना है की पूर्व रेंजर मदनकर को भरतलाल भंवरे के द्वारा पूर्व में पैसे और राजनीतिक लोगों के साथ मिलकर रेंजर से स्वयं के लिए बांस नर्सरी फेसिंग हटाया गया है ग्राम वासियों के द्वारा इस नियम विरुद्ध निर्णय के लिए विरोध जारी है एवं प्रशासन से इस पूरे मामले के लिए जांच की गुहार लगा रहे ग्रामवासी निष्पक्ष जांच कर पूरे क्षेत्र में वन भूमि को कब्जा मुक्त कराया जाए या लंबे समय से रह रहे ग्रामवासी को मकान बनाने के लिए शासन के नियम से अनुमति प्रदान जाए

AKHAND BHARAT NEWS

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