
सन्त रामपाल जी महराज जी का एक दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग
आज दिनांक 30/06/2024 जिला बलौदाबाजार के कसडोल तहसील के ग्राम टुण्ड्रा में सन्त रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में एक दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन प्रोजेक्टर के माध्यम से किया गया
सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार।
तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार।
मंत्र 18 में कहा है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति
धाम अर्थात् सतलोक में एक गुम्बज में रहता है। इस मंत्र 19 में कहा है कि अत्यधिक सफेद
रंग वाला पूर्ण प्रभु जो कामधेनु की तरह सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाला है, वही वास्तव में
सर्व का पालन कर्ता है। वही कविर्देव जो मृतलोक में शिशु रूप धारकर आता है वही जैसे
दूध से दही बनाने की विधि होती है ऐसे पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने की शास्त्रविधि अनुसार साधना
बता कर पूर्ण मोक्ष रूपी दही प्रदान करने वाला है तत्वज्ञान रूपी शास्त्र अर्थात् धनुष युक्त
होने से सारंगपाणी है तथा जैसे समुद्र सर्व जल का स्रोत है वैसे ही पूर्ण परमात्मा से सर्व की उत्पत्ति हुई है। गीता अध्याय 15 श्लोक 3 में कहा है कि संसार रूपी वृक्ष को तत्त्वज्ञान रूपी शस्त्र द्वारा काटकर अर्थात् तत्त्वज्ञान द्वारा संशय समाप्त करके उस के पश्चात् उस परम पद परमेश्वर की खोज करनी चाहिए जहां जाने के पश्चात् साधक लौटकर कभी संसार में नहीं आते अर्थात् पूर्ण हो जाते हैं। जिस परमेश्वर से सर्व संसार रूपी वृक्ष की प्रवृति विस्तार को प्राप्त हुई है। वह पूर्ण प्रभु चौथे धाम अर्थात् अनामी लोक में रहता हैं, जैसे प्रथम सतलोक दूसरा अलख लोक, तीसरा अगम लोक, चौथा अनामी लोक है। इसलिए इस मंत्र 19 में स्पष्ट किया है कि कविर्देव (कबीर परमेश्वर) ही आगामी पुरुष रूप में चौथे धाम अर्थात् आगामी लोक में भी अन्य तेजोमय रूप धारण करके रहता है।