☀️ये तो हद है☀️ एसडीएम ने बुलवाई जेसीबी, तीन घंटे तक खड़े होकर ड्रेनेज सिस्टम कराया ठीक, कलेक्टर के निर्देश के बाद अस्पताल पहुंचे एसडीम, लापरवाही पर भडक़े, अधिकारी-कर्मचारियों को जमकर लगाई फटकार, जगह-जगह लीकेजे को सीएस ने बताया सिर्फ एक जगह है समस्या
कटनी। जिला अस्पताल परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों क्रिटिकल केयर यूनिट और बिल्डिंग के ऊपर निर्माण के कारण ठेकेदारों ने मनमानी करते हुए 150 बिस्तर वाले अस्पताल के सामने वाला मुख्य मार्ग बंद कर दिया था। पांच दिनों तक मरीजों, परिजनों, चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भारी परेशानी हुई। ठेकेदार ने नालियों को बंद कर दिया था, जिसके कारण गंदगी ओवरफ्लो ओ रही थी, परिसर में गटर का पानी, धूल, कीचड़ से हाल बेहाल थे। गंदगी से परिसर अटा हुआ था व जाम की गंभीर समस्या होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा था। जब मामले को उजागर किया गया तो कलेक्टर अवि प्रसाद ने संज्ञान में लिया। शनिवार को एसडीएम प्रदीप मिश्रा को निरीक्षण के निर्देश दिए।
एसडीएम प्रदीप मिश्रा तहसीलदार अजीत तिवारी के साथ शनिवार दोपहर 12 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मुख्य गेट पर खड़ी ब्लड डोनेशन वाली बस को महावीर पुनस्र्थापना केंद्र में खड़ी करने, मनमानी पार्किंग पर रोक लगाने सीएस डॉ. यशवंत वर्मा को निर्देश दिए। इसके बाद ट्रामा सेंटर के पीछे गंदगी पर ठेकेदार के कर्मचारियों, इंजीनियर को फटकार लगाई। तीन घंटे खड़े होकर ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कराया। छत में काम करा रहे ठेकेदार को रात 8 बजे तक अल्टीमेटम दिया कि पूरा मार्ग खाली करें व सफाई कराएं, नहीं तो वैधानिक कार्रवाई होगी। इस दौरान जुर्माना की कार्रवाई प्रस्तावित करने कहा।
गलती पर डलाते रहे पर्दा
जिला अस्पताल परिसर में गंदगी पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पर्दा डालते नजर आए। नगर निगम व ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराते रहे। जिला अस्पताल की सफाई ठेका कंपनी सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रही। ट्रामा सेंटर में जगह-जगह लीकेज पर सीएस ने कहा कि सिर्फ एक जगह लीकेज है। ठेकेदारों ने पाइप तोड़ दिए हैं, इसलिए समस्या है।
गंदगी सीधे नाली में क्यों?
ट्रामा सेंटर के वार्डों से प्रसाधन की पाइप टैंक से जुड़ा होना चाहिए, लेकिन यहां पर गंदगी सीधे नाली में बह रही थी, जिसे देखकर एसडीएम ने फटकर लगाई और कहा कि ऐसी लापरवाही नहीं चलेगी, इसे ठीक किया जाए। इस दौरान दो घंटे तक ट्रामा सेंटर के दोनों ओर नाली व परिसर की सफाई कराई। गंदे पानी के निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराई।
खड़े होकर बनवाई नाली
जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर के पीछे से निकलने वाला पानी नाली से ओवरफ्लो हो रहा था। गंदा पानी भरे होने के कारण दुर्गंध से बुरा हाल था। इसपर एसडीएम जमकर भडक़े और खड़े होकर जेसीबी सहित मजदूरों की मदद से नाली बनवाई और गंदे पानी की निकासी कराई।
हफ्तों से नहीं लगी झाड़ू, पड़ी थीं बोतलें
जिला अस्पताल में बनी कैंटीन के ठीक सामने याने कि मुख्य द्वार के समीप ही गंदगी अटी पड़ी थी। यहां पर कई हफ्तों से झाड़ू नहीं लगी थी। इतना ही नहीं यहां पर शराब की बोतलें पड़ीं मिलीं, जिस पर एसडीएम ने सफाई कराने के निर्देश।
खुले में बह रहा गटर का पानी
जिला अस्पताल की पुरानी वाली बिल्डिंग जहां पर एसएनसीइयू आदि बना है वहां के वार्डों का पानी नालियों की बजाय खुले में बह रहा था। यह हाल नाली का भी था, ओवरफ्लो नाली का गंदा पानी बहकर मुख्य मार्ग में भर रहा था, जिसे ठीक कराया गया।
उजागर हुई थी समस्या
जिला अस्पताल में वार्डों के प्रसाधन के पाइप लाइनों में लीकेज, गंदगी का खुले में बहना, नाली का ओवरफ्लो होना, इंजेक्शन की निडिल खुले में पड़ी होना, परिसर में गंदगी, मुख्य मार्ग ब्लॉक होना, निर्माण कार्य में नियमों का पालन न करना आदि मामलों को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया। जिसके बाद कलेक्टर अवि प्रसाद ने मामले को संज्ञान में लिया व एसडीएम को निरीक्षण करा व्यवस्था सुधार व कार्रवाई के निर्देश दिए।