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आयुष्मान कार्ड में इलाज के बहाने मरीजों को लूट रहे हैं चिकित्सा माफिया – रैना

आयुष्मान कार्ड में इलाज के बहाने मरीजों को लूट रहे हैं चिकित्सा माफिया – रैना

महासमुन्द – आयुष्मान कार्ड से होने वाले इलाज़ के अतिरिक्त मरीज़ के परिजनों से मोटी रकम चिकित्सा माफिया वसूल रहे हैं, इस आशय का बयान कांग्रेस नेता हरदीप सिंह रैना ने जारी किया है, उन्होंने बताया है कि आज हर जगह बड़े-बड़े अस्पताल खुल रहे हैं अस्पतालों की मार्केटिंग हो रही है कभी अस्पतालों को हम सेवा भाव के लिए जानते थे परंतु आज अस्पताल बिजनेस हब बन चुके हैं। सरकार किसी की भी हो आम जनता के इलाज के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 5 लाख 10 लाख की छूट की बात होती है लेकिन इस योजनाओं का लाभ जनता को मिल पा रहा है या नहीं इसका आकलन नहीं किया जाता असल में इन योजनाओं का लाभ जनता के बजाय अस्पताल प्रबंधन को ज्यादा हो रहा है सरकारों द्वारा बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड में 5 लाख तक के इलाज की सुविधा है परंतु इसमें विभिन्न पैकेज है अलग-अलग इलाज के लिए वह जारी होते हैं एक ही इलाज के लिए पूरा पैसा जारी नहीं होता है यहां भी मरीज के परिजनों को अस्पताल प्रबंधन कहते हैं की स्मार्ट कार्ड में पैसा कटेगा उसके अलावा अतिरिक्त पैसा लगेगा मेडिकल की दवाई का पैसा उन्हें देना पड़ेगा जबकि नियम में यह है की अगर आयुष्मान कार्ड में इलाज हो रहा है तो ना तो मरीज या उसके परिजन से मेडिकल बल के नाम पर कुछ लिया जा सकता है और ना ही उनसे अतिरिक्त पैसा लिया जा सकता है इसके अलावा मरीज के खाने पीने का खर्च भी अस्पताल प्रबंधन को उठना होता है मगर ऐसा कोई लाभ कोई भी अस्पताल प्रबंधन नहीं देता।

सरायपाली के वार्ड क्रमांक 8 से पार्षद हरदीप सिंह रैना ने बताया कि आयुष्मान कार्ड योजना एक प्रकार का धोखा है आम जनता को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है सरकार को इसका अवलोकन करना चाहिए और इसमें सुधार करना चाहिए आयुष्मान कार्ड निजी अस्पतालों की कमाई का जरिया बन चुका है सीधी सादी आम जनता को लूटने का एक तरीका बन चुका है स्वास्थ्य विभाग भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है सरकार को करें नियम बनाकर यह सुनिश्चित करना चाहिए की आयुष्मान कार्ड में जो पैसा कट रहा है उसमें मरीज का इलाज हो सके और मरीज को अतिरिक्त राशि का वहन न करना पड़े अन्यथा इस योजना का कोई लाभ नहीं है आयुष्मान कार्ड से कटने वाले पैसों के अलावा भारी भरकम अस्पताल का बिल भी मरीज या उसके परिजन को पटना पड़ता है भारी भरकम मेडिकल बिल भी उन्हीं को पटना पड़ता है और सरकार की योजना के बावजूद हुए कर्ज के बोझ तले डूब जाते हैं

कांग्रेस पार्षद हरदीप सिंह रैना ने बताया आज कुकुरमुत्ता की तरह निजी अस्पताल खुला रहे हैं इसका एक बहुत बड़ा कारण है उनके प्रबंधन को कोई यह पता है कि शासन की योजनाओं का लाभ उन्हें मिलेगा और भोली भाली जनता से वे भारी भरकम राशि कमा सकते हैं दिखावे के लिए जो थोड़ी बहुत कार्रवाई होती है वे सिर्फ खानापूर्ति है स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई तो करता है लेकिन उन अस्पतालों को पुनः कार्ड के उपयोग का अधिकार भी दे देता है कुल मिलाकर जनता की मजबूरी का फायदा निजी अस्पताल प्रबंधन उठा रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं चुनाव पूर्व राजनीतिक पार्टियों के द्वारा घोषणा की जाती हैं कि 5 लाख तक के इलाज का 10 लाख तक के इलाज का खर्च सरकारी उठाएंगे लेकिन इनकी सच्चाई क्या है ?

AKHAND BHARAT NEWS

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