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श्री कृष्णा जन्मस्थान से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने वाले केस में आज फिर हुई सुनवाई

लगातार 3 दिन से हो रही है न्यायालय में बहस अब 7 मई को होगी सुनवाई

मथुरा।आज प्रयागराज हाईकोर्ट में सूट नंबर 9 और सूट नंबर 15 पर बहस हुई, इस बहस में हिंदू पक्ष की तरफ से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन,एडवोकेट AK मालवीय,एडवोकेट सतवीर सिंह और एडवोकेट कुमार बीनू सिंह मौजूद रहे, और मुस्लिम पक्ष की तरफ से एडवोकेट तस्लीम अहमदी ने बहस की, बहस के दौरान हिंदू पक्ष ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि माननीय न्यायालय में प्राचीन साक्ष्य हिंदू पक्ष जमा कर चुका है, मुस्लिम पक्ष ने भी अपने जवाब में कहा कि वरशिप 1991 में 7 रूल 11 और लिमिटेशन एक्ट के अनुसार यह मामला चलने योग नहीं है, लेकिन हिंदू पक्ष ने भी अपनी दलील में कहा कि यह जमीन पर अतिक्रमण हुआ था और इस स्थान पर पहले भी कई बार केस चल चुका है, इसलिए यह जमीन, यह स्थान पर वरशिप एक्ट 1991 लागू नहीं होता है, इस स्थान पर हमेशा से मुगल शासको ने कई बार आक्रमण किया था और कई बार हिंदू राजाओं ने हिंदू मंदिर को बनाया था.यह स्थान मुस्लिम शासको के निशाने पर रहा है, ज्ञान व्यापी पर भी यही मामला हुआ था, यहां पर भी मुगल शासको द्वारा अवैध कब्जा किया गया था, हिंदू पक्ष,ज्ञान व्यापी को आधार बनाते हुए माननीय न्यायालय से गुहार लगाई थी कि यहां पर भी यह मुकदमा चलने योग्य है और सर्वे का आर्डर होना चाहिए, हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास ऐसा कोई भी प्राचीन साक्ष्य नहीं है जिससे वह यह कह सके कि यंहा पहले मस्जिद बनी थी, लेकिन हिंदू पक्ष के पास में इतने प्राचीन साक्ष्य हैं,वह साक्ष्य के आधार पर कह सकते हैं कि यहां पर पहले मंदिर था, मंदिर को तोड़कर के मस्जिद बनाई गई है, दिनेश शर्मा ने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई थी, यहां पर मुगल शासको द्वारा तलवार के दम पर अवैध कब्जा किया गया था लेकिन हिंदू भाइयों ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी कलम की ताकत से न्यायालय के सहयोग से यह लड़ाई जीतेंगे , दिनेश शर्मा ने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है न्यायालय पर, न्यायालय सबूत के आधार पर फैसला देती है और हम एक न एक दिन यह लड़ाई जरूर जीतेंगे. क्योंकि संपूर्ण विश्व जानता है कि यहां पर मुगल शासको द्वारा अतिक्रमण हुआ था, उन्होंने कहा कि ज्ञान व्यापी पर सर्वे हो चुका है और सर्वे की रिपोर्ट विभाग के अधिकारी द्वारा लगाई जा चुकी है, वहां भी मंदिर होने के स्पष्ट संकेत मिले हैं,इसलिए उन्होंने कहा कि यदि मथुरा में सर्वे हो जाएगा तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा और यहां पर भी प्राचीन मंदिर के साक्ष्य मिल जाएंगे.

राजकुमार गुप्ता

जिला संवाददाता मथुरा

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