
खेल की ऊर्जा से चमकता विश्व-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि विकास और शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस जो हर साल 6 अप्रैल को मनाया जाता है, दुनिया भर के समुदायों और लोगों के जीवन में खेल और शारीरिक गतिविधि की सकारात्मक भूमिका को पहचानने का अवसर प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र ने लंबे समय से खेल की शक्ति और सार्वभौमिकता को मान्यता दी है, इसका उपयोग विकास प्रयासों के लिए खेल का समर्थन करके व्यक्तियों और समूहों को एकजुट करने, वैश्विक स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक की घटनाओं में भाग लेने और अपने स्वयं के खेल-संबंधित अभियानों और पहलों को विकसित करने के लिए किया है।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि खेल भी सतत विकास का एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक है। हम सहिष्णुता और सम्मान को बढ़ावा देने और विकास और शांति की प्राप्ति में खेल के बढ़ते योगदान को पहचानते हैं।” यह महिलाओं और युवाओं, व्यक्तियों और समुदायों के सशक्तिकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक समावेशन उद्देश्यों में योगदान देता है।”
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश त्यागी एडवोकेट, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, डॉक्टर आरके शर्मा, डॉ संजीव शर्मा, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि विकास और शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस सामाजिक परिवर्तन , सामुदायिक विकास और शांति और समझ को बढ़ावा देने के लिए खेल की शक्ति का एक वार्षिक उत्सव है। राष्ट्रो को खेल और खेल के बुनियादी ढांचे के विकास, जनता के बीच जागरूकता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ