संघर्ष का अधिकार संविधान की देन है

देवदुर्गा तालुक के देवरगुड्डा गांव के श्री शरण अमतेश्वर हाई स्कूल में छात्रों का संविधान की ओर मार्च का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

देवदुर्गा संघर्ष भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक सशक्त हथियार है। बहुजन चिंतक हनुमंत मन्नापुरी ने कहा कि संविधान की मूल इच्छाएं खतरे में पड़ने पर हिंसा, बलात्कार, अन्याय जैसी घटनाओं में संघर्ष कर न्याय दिलाने में संविधान का अमूल्य योगदान है।

 

उन्होंने तालुक के देवरगुड्डा गांव के श्री शरण अमतेश्वर हाई स्कूल में गम्मूर के समता ग्रामीण विकास और शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित संविधान की ओर छात्रों के मार्च कार्यक्रम में व्याख्यान दिया। सभी के लिए समान जीवन, सभी के लिए समान हिस्सेदारी, सभी वर्गों के समुदायों के लिए सामाजिक न्याय कहकर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जाएगा

 

उन्होंने कहा, संविधान हमारा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान महादेवप्पा तथा डॉ. बी.आर. ने की। शुरुआत अंबेडकर के चित्र पर माल्यापर्ण से हुई।

सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल बसवराज पाटिल नागराला, संस्था महासचिव बसवराज बागावता, स्कूल प्रशासन प्रबंधक शंकरलिंगैया ताथा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और बात की।

 

संविधान पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई और विद्यार्थियों दीपा, रेवती, फातिमा, नागरत्ना, सरोजा, देवम्मा, सबम्मा, शंकर, ममता को पुरस्कार और स्कूल पुस्तकालय के लिए संविधान की प्रस्तावना दी गई।

संविधान पढ़ें, बच्चों के लिए संविधान, भारत का संविधान पुस्तकें वितरित की गईं।

 

मंच पर संस्था प्रशासक नरसिंगाराव साराकील, नेता होन्नप्पा भंडारी, भीमाराय भंडारी, अशोकबल्लीदवा तथा शिक्षिका जयशीला, सलमा बेगम, महेबुबा, होन्नैया, कृष्णदत्त, शंकरलिंगा, पारसप्पा गुडिमनी, मंजूनाथ उपस्थित थे। सुजाता वली सुषमा हिरेमथ, हनुमंती द्वारा सुनाई गई।

Exit mobile version