
हमीरपुर जिला में एक वर्ष बाद पांच यूनिट में 150 शराब के ठेकों कि जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में ठेकों की नीलामी की गई। ठेकों की यह नीलामी पीठासीन अधिकारी एडीसी हमीरपुर मनीष यादव की देखरेख में आयोजित की गई। इस बार 10 फीसदी बढ़ोतरी के तहत 104 करोड़ 45 लाख रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन बोलीदाताओं द्वारा लगाई गई हाई स्केल बोलियों के चलते यह लक्ष्य बढक़र 112 करोड़ 20 लाख तक पहुंचा दिया है। बता दें कि हमीरपुर जिला के बड़सर, सुजानपुर, नादौन, हमीरपुर और भोरंज यूनिट में कुल 150 शराब के ठेकों की नीलामी में इस बार 7.42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे सरकार को सात करोड़ 75 लाख रुपए का मुनाफा होगा। नीलामी प्रक्रिया में राज्य कर आबकारी एवं कराधान विभाग के संयुक्त आयुक्त कम समाहर्ता गुलभूषण गौत्तम, राज्य कर आबकारी एवं कराधान विभाग के सहायक आयुक्त वरुण कटोच, ऑबर्जबर विरेंद्र दत्त एवं कर्मचारियों के अलावा जिला भर से ठेकेदार मौजूद रहे। नीलामी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करवाई गई।
नादौन यूनिट के 28 शराब के ठेके 24 करोड़ 71 लाख 62 हजार 52 रुपए में बेचने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बड़ी बोलियों के चलते यह 24 करोड़ 71 लाख 62 हजार 152 करोड़ में बिके। जबकि सुजानपुर यूनिट के 19 शराब के ठेके 14 करोड़ पांच लाख 68 हजार 275 रुपए में बेचने का लक्ष्य था, लेकिन बोलियों के चलते यह राशि 14 करोड़ 10 लाख रुपए तक पहुंच गई। इसी तरह भोरंज यूनिट के 36 शराब के ठेके 23 करोड़ 57 लाख दो हजार 523 रुपए में बेचने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बोलियों के माध्यम से यह राशि 23 करोड़ 63 लाख रुपए में खत्म हुई। इसके अलावा बड़सर यूनिट की 36 शराब के ठेकों को 19 करोड़ 43 लाख 90 हजार 790 रुपए में बेचने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बोलियों के माध्यम से राशि 24 करोड़ 75 लाख में समाप्त हुई। इसी तरह हमीरपुर यूनिट के 31 शराब के ठेके 22 करोड़ 67 लाख 34 हजार 850 रुपए में बेचने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बोली के चलते यह राशि 25 करोड़ एक लाख रुपए में बिके। हमीरपुर जिला के हमीरपुर व बड़सर यूनिट के शराब ठेकों को लेकर बोलीदाताओं में काफी उत्साह देखा गया। वहीं पीठासीकपअन अधिकारी मनीष यादव का कहना है कि हमीरपुर जिला में 150 शराब की दुकानें हैं, जिनकी नीलामी का कार्य शांतिपूर्वक ढंग से किया गया है। हमीरपुर जिला की शराब की दुकानों की पांच यूनिट में विभाजित किया गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में एक्साइज विभाग में 104 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन नीलामी की अंतिम प्रक्रिया 112 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इसमें 7.42 फीसदी की जरूर बढ़ौत्तरी हुई है।