
भारत की तरक्की में एक मील का पत्थर -शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन से सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई को दिवंगत प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मनाया गया था। 11 मई 1998 को भारत ने सफलतापूर्वक पोखरण परमाणु टेस्ट किया था।यह परीक्षण भारत की तकनीकी उन्नति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था और इसने देश के लिए परमाणु हथियार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी स्थान हासिल करने का मार्ग प्रशस्त किया।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह भारत सरकार, नेशनल साइंस और टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन काउंसिल, साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, कृषि विज्ञान केंद्र और विज्ञान केंद्रों सहित कई संगठनों द्वारा आयोजित किया जाता है।
परमाणु विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में घोषित किया. जिसके बाद, पहला राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 को मनाया गया था।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, डॉ आरती शर्मा, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि यहवैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों के बीच टेक्नोलॉजी में गहरी रुचि को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान करता है।यह दिन निस्संदेह विकास के लिए उत्प्रेरक और तकनीकी इनोवेशन में भारत की शक्ति का प्रमाण है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और योगदानों पर प्रकाश डाला गया। यह युवाओं को साइंस और टेक्नोलॉजी क्षेत्र के लिए प्रोत्साहित करता है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ