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नवीन पटनायक एनडीए में शामिल हो सकते हैं

नवीन पटनायक एनडीए में शामिल हो सकते हैं

रिपोर्ट समीर गुप्ता पठानकोट पंजाब —
राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा है कि बीजू जनता दल के प्रमुख और मुख्यमंत्री ओडिशा नवीन पटनायक आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा एनडीए गठबंधन में शामिल होकर लड़ेंगे। आईए आज नवीन पटनायक के बेहतरीन राजनीतिक जीवन की यात्रा करें। पटनायक की अभूतपूर्व सफलता का मूलमंत्र ” एकला चलो लेकिन सबसे मिला करो” का रहा है। इसके अलावा उन्होंने अपने सफल राजनीतिक जीवन में ” ना काहू से दोस्ती न काहू से बैर ” की नीति अपनाई। जो भी दल केन्द्र की सत्ता में रहा पटनायक ने ओडिशा के लोगों के हित में उनके साथ बेहतर रिश्ता स्थापित करने का हमेशा प्रयास किया ताकि राज्य के विकास कार्यों के लिए उन्हें केन्द्र का सहयोग प्राप्त होता रहे। फिर चाहे यूपीए गठबंधन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार हो या मौजूदा एनडीए गठबंधन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनके संबंध बढ़िया ही रहे हैं। नवीन पटनायक ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के सुपुत्र हैं । उनका जन्म 16 अक्तूबर 1946 को कटक में हुआ। दून स्कूल से उन्होंने स्कूली शिक्षा हासिल की और वहां पर संजय गांधी उनके सहपाठी थे। इसके बाद दिल्ली से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। वे अच्छे लेखक हैं और उनका शुरुआती जीवन ओडिशा और राजनीति से दूर रहते हुआ बीता। वे अविवाहित हैं। राजनीति में उन्होंने कदम पिता बीजू पटनायक के देहांत के बाद रखा। जब केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो नवीन पटनायक उसमे केबिनेट मंत्री बने। पटनायक 5 मार्च 2000 से लगातार ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं और सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग के बाद देश के दूसरे सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड उनके नाम पर है। ओड़िशा के आमजन के बीच वे बहुत ही लोकप्रिय हैं, उनपर कभी भी करप्शन या कोई और आरोप नही लगा है। राज्य की ब्यूरोक्रेसी पर उनकी पकड़ और रिश्ते बहुत मजबूत रहे हैं। जब भी पार्टी पर कोई सवाल उठता है तो उनके द्वारा शीघ्र कोर्स करेक्शन किया जाता है। 1998 में ओडिशा में आए तुफान त्रासदी से निपटने के लिए उनके बेहतरीन डिजास्टर मैनेजमेंट की मिसाल दी जाती है। आज पटनायक 77 वर्ष के हो चुके हैं, वे अविवाहित हैं और राज्य में बीजू जनता दल के उत्तराधिकारी को लेकर पार्टी कहीं न कहीं बैकफुट पर है। इसके अलावा 2019 से भाजपा ओडिशा में लगातार काम कर रही है और अभी उनका जमीनी आधार राज्य में काफी मजबूत हुआ है। पटनायक यदि अपनी मौजूदा मुख्यमंत्री की अवधि को पूरा कर लेते हैं तो वे देश के सबसे अधिक लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर सकते हैं। ऐसे में बहुत संभव है कि वे पार्टी की बेहतरी और स्वयं के लिए भाजपा एनडीए गठबंधन में शामिल हो जाएं।

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