A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरे

मेनका गांधी का राजनीतिक सफर

मेनका गांधी का राजनीतिक सफर

: रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ पठानकोट पंजाब — अक्सर राजनीति और व्यापारिक जगत में माना जाता है कि जो दिखता है वह बिकता है — माने हमारी सफलता बहुत हद तक निर्भर करती है कि हम कितना सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन कुछ राजनेता बाहरी तामझाम से दूर अपने क्षेत्र में अपने लोगों के बीच रहते हुए कामयाबी के शिखर पर पहुंचते हैं। ऐसी ही एक सफल राजनीतिक शख्शियत यूपी सुल्तानपुर की मौजूदा भाजपा सांसद मेनका गांधी हैं। मेनका गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुत्रवधू हैं, इनका विवाह इंदिरा जी के छोटे बेटे संजय गांधी के साथ हुआ था। आपातकाल के दौरान 1975-77 में संजय गांधी की कांग्रेस में अहम भूमिका रही और उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ रहा था,इस दौरान मेनका को अक्सर दौरों में संजय गांधी के साथ देखा जाता था। संजय गांधी के देहांत के बाद परिवार में कुछ मनमुटाव के चलते मेनका गांधी ने अपने लिए अलग राह चुनी थी। मेनका का जन्म 26 अगस्त 1956 को दिल्ली में एक सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल तरलोचन सिंह भारतीय सेना में अफसर थे, इन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा हिमाचल के सनावर स्कूल से की और उसके बाद दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की। पीलीभीत से मौजूदा भाजपा सांसद वरुण गांधी इनके इकलौते सुपुत्र हैं। मेनका गांधी अभी तक आठ बार लोकसभा सांसद बनी हैं, एक सफल राजनेता के साथ वे Animal Rights Activist और Environmentalist भी हैं। इन्होंने अपना पहला चुनाव बतौर निर्दलीय उम्मीदवार सन 1984 में अमेठी उत्तर प्रदेश से राजीव गांधी के विरुद्ध लड़ा था — जिसमे इनको हार का सामना करना पड़ा था। 1988 में मेनका गांधी जनता दल पार्टी में शामिल हुईं और महासचिव बनी। 1989 के लोकसभा चुनावों में बतौर सांसद उन्होंने अपना पहला चुनाव पीलीभीत यूपी से जीता और वीपी सिंह सरकार में Minister of State for Environment बनीं। मेनका गांधी अटल बिहारी वाजपेयी की केबिनेट में भी मंत्री रह चुकी हैं। वर्ष 2004 में मेनका भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं थीं और लगातार लोकसभा में पहुंच रही हैं। 2014– 2019 तक नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं। मेनका गांधी ने अपनी राजनीतिक यात्रा सन 1984 में शुरू की थी, आठ बार लोकसभा सदस्य बन चुकी हैं, चार सरकारों में केन्द्रीय मंत्री का पद संभाला है — इतना लंबा अंतराल राजनीति में गुजारने के बावजूद आजतक उनके ऊपर कोई भी आरोप नही लगा है न ही कभी उनके द्वारा कोई आपत्तिजनक टिप्पणी सुनने में आती है। उन्होंने मीडिया और लाईमलाईट से दूरी बनाते हुए अपने लोगों के लिए लगातार काम किया है इसी की बदौलत उनका राजनीतिक जीवन शानदार और कामयाब रहा है।

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS
Back to top button
error: Content is protected !!