
माघ शुक्ल पंचमी तिथि से दसलक्षण महापर्व प्रारंभ हुए, दसलक्षण महामंडल विधान में अर्ध्य अर्पित किए, पर्व प्रारंभ होने के पहले किया ध्वजारोहण, उत्तम क्षमा दिवस मनाया
रिपोर्ट:संदीप छाजेड़
आष्टा। माघ शुक्ल पंचमी से जैन समाज के पर्वाधिराज दस लक्षण महापर्व 14 फरवरी से प्रारंभ हुए। सभी दिगंबर जैन मंदिरों में सूर्योदय के पश्चात भगवान के अभिषेक शांति धारा एवं दसलक्षण महापर्व की पूजा -अर्चना की गई। वहीं श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर मुनि भूतबलि सागर महाराज ससंघ सानिध्य में दसलक्षण महामंडल विधान किया गया ।जिसमें समाज जनों ने बाल ब्रह्मचारिणी मंजुला दीदी के मुखारविंद एवं संगीतकार शरद जैन ने संगीत मय आराधना कराते हुए बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ अर्ध्य अर्पित कराएं। वहीं उक्त पर्व प्रारंभ होने के पूर्व मंदिर परिसर में केसरिया ध्वज भी फहराया गया ,जिसके लाभार्थी संजय कुमार संदीप कुमार जैन चायघर परिवार रहा।
समाज के नरेन्द्र गंगवाल ने उक्त पर्व की जानकारी देते हुए बताया कि माघ मास के परवाधिराज दसलक्षण महापर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म मनाया गया। इस अवसर पर किला मंदिर परिसर में दसलक्षण महामंडल विधान की पूजा अर्चना के दौरान 8 विधान के अर्ध्य अर्पित किए गए तथा एक जयमाला का और एक पूर्ण अर्ध्य अर्पित किया गया। उक्त विधान में काफी संख्या में समाज जन उपस्थित थे।
आज उत्तम मार्जव धर्म आराधना होगी
श्री गंगवाल ने बताया कि इस दसलक्षण पर्वाधिराज के दौरान दूसरे दिन 15 फरवरी गुरुवार को उत्तम मार्जव धर्म आराधना की जाएगी।