
1 मैं को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है,,,, विभिन्न श्रमिक संगठन अपने-अपने स्तर पर मजदूर दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं शासन भी अपने स्तर पर मजदूर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है वास्तविकता के अनुसार छिंदवाड़ा जैसे छोटे जिलों पर मजदूरों का शोषण निरंतर पर कोई ध्यान नहीं देता सिर्फ कागज पूर्ति श्रमिक विभाग द्वारा किया जाता है विशेष कर छिंदवाड़ा सिवनी बालाघाट जिले के श्रमिक रोजगार की तलाश में बड़े-बड़े महानगरों पर पलायन कर रहे हैं,,,,,
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट चावल पानी हारी अमरवाड़ा सोशल पांढुर्ना के श्रमिक खेती पर आश्रित रहते हैं लेकिन युवा वर्ग एवं महिला श्रमिक रोजगार की तलाश में नागपुर भोपाल इंदौर मुंबई तक पलायन कर चुके हैं वहां पर श्रमिकों की मजदूरी 500 से ₹1000 प्रतिदिन के हिसाब से मिलती है…..
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर वंदे भारत लाइव समाचार पत्र में आपको श्रमिक साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई !!===
भारतीय मजदूर संघ, एवं इंटक मजदूर संघ, लाल झंडा मजदूर संघ कई श्रमिक संगठन भारत में मजदूरों के अधिकार के लिए संचालित हो रहे हैं जो कि श्रम विभाग के अधीन है
औद्योगिक क्षेत्र कारखाने असंगठित श्रमिकों को संगठित करने के लिए विभाग के से मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन मजदूरों की आवाज को उठाते हैं तथा उसे समय-समय पर शासन एवं जनप्रतिनिधि को अवगत करवाते हैं ।।।
मेरी कलम से मजदूर दिवस पर छिंदवाड़ा जिले के श्रमिक साथियों की मेट्रो सिटी तक करते हैं रोजी-रोटी की तलाश में पलायन चिलचिलाती धूप में तोड़ता है पत्थर तब परिवार के लिए जुटा पाता है रोटी श्रमिक की जुबानी
पातालकोट के 12 गांव में करीब 3000 भारी या परिवार निवासरथ है इनमें से 95% तक मजदूर है अधिकांश परिवार मजदूरी करने नागपुर भोपाल समेत सामान शहर में जाते हैं इसी तरह तामिया चावल पानी के आदिवासी मजदूर अपनी रोजी-रोटी के लिए पिपरिया नर्मदा पुर इटारसी पर ज्यादा निर्भर रहते हैं वही बात करें तो पांढुर्ना सोशल के श्रमिक काम की तलाश में नागपुर अमरावती मुंबई तक रोजगार की तलाश करने जाते हैं जहां निर्माण कार्य के लिए उन्हें ₹500 से ₹1000 प्रतिदिन पर मजदूरी पाप आते हैं इसके अलावा उद्योग से में भी मजदूरी कर रहे हैं हार गई विकासखंड के एक श्रमिक साथी रामकिशोर सलाम ने बताया कि वह काम की तलाश में दक्षिण के केरल बेंगलुरु तक जाना पड़ता है
शहर के नरसिंहपुर नाका में तो प्रतिदिन मजदूरों का बाजार लगता है जहां लोग किशोर से लेकर बुजुर्ग मजदूरों को मजदूरी का मूल भाव कर ले जाते हैं यही हाल दूसरे इलाके में जहां मजदूर आबादी सर्वाधिक है वहां उन्हें मामूली सा वेतन दिया जाता है।।।।।
श्रमिक विशेष संस्करण में में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं छिंदवाड़ा विधानसभा के विधायक महोदय से अवगत कराना चाहता हूं कि श्रमिकों के कल्याण उत्थान के लिए उन्हें संगठित करने के लिए आप श्रम विभाग श्रमिक संगठनों की सदस्यता दिलाई ताकि श्रमिक का परिवार खुशहाल रह सके और उन्हें समय-समय पर मजदूरी में बढ़ोतरी हो सके ।।।।।