
डिजिटल अरेस्ट पर घबराएं नहीं, पुलिस की लें मदद-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
डिजिटल अरेस्ट पर घबराएं नहीं , पुलिस की मदद लें,1930 पर कॉल करें । पुलिस प्रशासन आपकी सहायता के लिए है।
आपके बेटे या बेटी का नाम लेकर कहा जाए कि वह कहां हैं और अगले ही पल कहा जाए कि मैं नारकोटिक्स विभाग , सीबीआइ या पुलिस से बोल रहा हूं और वह हमारी हिरासत में है । ड्रग्स या अन्य किसी गतिविधि में शामिल होने की वजह से उसे पकड़ा गया है । या फिर इससे इतर कि आपके नाम का कोई पार्सल विदेश से आया है और उसमें आपत्तिजनक वस्तु होने की बात कही जाए तो तुरंत सतर्क हो जाएं जनाब , यह साइबर ठगों का काम हो सकता है । वे आपको डिजिटली अरेस्ट कर ठगी का शिकार बना सकते हैं । इसलिए सचेत रहें और ऐसी सूरत में घबराएं नहीं बल्कि साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत काल करें । वहां से आपको मदद मिलेगी ।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधडी की बढती शिकायतों के बीच जांच एजेंसियां भी इसकी रोकथाम की कोशिश में जुट गई हैं । गृहमंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर ( आइसी ) ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी से जुड़ी 1000 स्काइप आइडी को माइक्रोसाफ्ट के सहयोग से ब्लाक किया है । डिजिटल अरेस्ट में पीड़ित को स्काइप के माध्यम से लगातार निगरानी में रखा जाता है और ठगी करने के बाद ही उसे मुक्त किया जाता है । इसके साथ ही दूरसंचार विभाग ने भी आम नागरिकों को साइबर अपराधियों के प्रति सावधान रहने की हिदायत दी है । मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि आइसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ( एनसीआरपी ) पर बड़ी संख्या में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की शिकायतें मिल रही हैं । इन मामलों में अपराधी खुद को पुलिस , सीबीआइ , नारकोटिक्स विभाग , आरबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के अधिकारी का बताकर धमकी , ब्लैकमेल , जबरन वसूली और डिजिटल अरेस्ट जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि यह एक संगठित आनलाइन आर्थिक अपराध है , जिसके सीमापार से सिंडिकेट द्वारा चलाए
सुबूत मिल रहे हैं । आइसी इन साइबर अपराधों से निपटने के लिए अन्य मंत्रालयों और उनकी एजेंसियों , आरबीआइ और अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है ।