
छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की संख्या में 55% की कमी, उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में 70% की कमी, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 95% की कमी
महासमुन्द/ रायपुर – हाल ही में जारी लेपर्ड एस्टीमेशन 2022 की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्व में तेंदुओ की संख्या में हुई बढ़ोतरी की कमी को लेकर रायपुर के शौकीन वन्यजीव प्रेमी नितीन सिंघवी ने मुख्यमंत्री को पत्र कर इस पर आपत्ति जताई है. नेशनल टाइगर रिजर्व रिजर्व ने प्रदेश में अनुमान (एस्टीमेट) आधारित रिपोर्ट जारी की है, जिसमें टाइगर रिजर्व में कैमरे के आधार पर गणना और अनुमान लगाया गया है, जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्व में 2018 की तुलना में 55% टेंडेंस की संख्या कम हुई है। 2018 में तीन टाइगर रिज़र्व में 240 स्टॉक थे जो 2022 में 107 बचे (55% कम हुए)। चार में जो संख्या शावकों के बड़े होने से बढ़ी, उनका अनुमान लगाया गया तो संख्या में भारी कमी हुई है।
उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व: कैमरा आधारित गणना और अनुमान के अनुसार 2018 में 95 टुकड़े पाए गए और 2022 में 28 पाए गए, इस प्रकार 67 स्टॉक कम, जो 2018 की तुलना में 70% की कमी है।
फ्लैशमार टाइगर रिज़र्व: कैमरा आधारित गणना और अनुमान के अनुसार 2018 में 87 टुकड़े पाए गए और वर्ष 2022 में 76 पाए गए, इस प्रकार 11 ज्वालामुखी कम जो की 2018 की तुलना में 13% की कमी है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व: यहां पर कैमरा नहीं लगाया गया। अनुमान के अनुसार 2018 में 58 गोले थे और 2022 में 3 गोले बचे थे। 55 टेंड्स की कमी पाई गई, जो 2018 की तुलना में 95% कमी बताती है। 2022 की रिपोर्ट के अनुसार इंद्रावती टाइगर रिजर्व में रोपण के दौरान एक भी लेपर्ड का प्रमाण नहीं मिला।
टाइगर रिजर्व में बाघ भी 22% कम हुआ
पत्र में बताया गया है कि कैमरा आधारित टाइगर एस्टीमेशन 2018 में टाइगर रिजर्व में 9 बाघ थे (अचानकमार टाइगर रिजर्व में 5, उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में 1, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 3) 2022 की रिपोर्ट में टाइगर रिजर्व में 9 बाघ थे अन्य घाटों की संख्या 7 हो गई (अचानकमार टाइगर रिजर्व में 5, उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में 1, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 1) जो कि 22% कमी बताई गई है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण रिजर्व के रिजर्वेशन रिजर्व इन इंडिया 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 51वें टाइगर रिजर्व में से इंद्रावती टाइगर रिजर्व के जलाशय पर 50वें स्थान पर, उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व 48वें स्थान पर और अस्थानिक अल्ट्रामार रिजर्व 39 वें स्थान पर है।
पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की संख्या में अचानक हुई कमी का मुख्य कारण वन विभाग की उदासीनता और शिकार है। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व, कांकेर दक्षिण छत्तीसगढ़ शिकार का हॉट स्पॉट बना हुआ है। पूर्वोत्तर में मांसाहारी जीवों के लिए शाकाहारी जानवर नहीं बचे हैं। इसके कारण जंगल से बाहर की तरफ जंगल आते हैं जहां इनका शिकार होता है, मानव-तेंदुआ द्वंद भी बढ़ता है। धमतरी के डीएफओ ने जिले के लेदर रहवास क्षेत्र में शाकाहारी डेयरी का प्री बेस बनाने के लिए जू से वहां हिरण डिपो की मांग की थी कि मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने अनसुनी कर दी।
पत्र में मांग की गई है कि छत्तीसगढ़ वन विभाग को दोनों आइकॉनिक पत्थरों और अन्य नमूनों को सुरक्षित रखने के लिए शिकार की रोकथाम के तहत विशेष स्कॉर्ड, कोर्ट के कार्यवाहियों के संरक्षण के निर्देश दिए जाएं। संरक्षण) अधिनियम के विशेषज्ञ की भर्ती, पेट्रोलिंग के लिए स्निफर डॉग्स की भर्ती, फील्ड से मुख्यालय तक के सामान में स्टॉक वाले अधिकारियों की पद स्थापना के लिए कदम शामिल किया जा सकता है।