
आपको बताते चले कि
सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय “सुदामा” के.द्वारा तय मानक से बेहद कम दूरी पर स्थापित टोल प्लाजा चौकडी को समाप्त करने को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश कल फाइनल सुनवाई करेंगे ग्यात हो कि समाजसेवी की याचिका पर हाईकोर्ट ने सचिव भूतल परिवहन भारत सरकार व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत सरकार के साथ साथ परियोजना निदेशक गोरखपुर व जिलाधिकारी बस्ती को नोटिस जारी कर जबाब मांगा था जिसके क्रम में बचाव पक्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण गोरखपुर के परियोजना निदेशक भावेश अग्रवाल ने जबाव दाखिल किया था उनके द्वारा दाखिल जबाब में समाजसेवी के विद्वान अधिवक्ता कन्हैया लाल तिवारी ने रीज्वाइंडर भी दाखिल कर दिया था जिसकी सुनवाई पूर्व में मुख्य न्यायाधीश रहे प्रतींकर दिवाकर के सेवा मुक्त होने के उपरान्त महीनों से लम्बित थी ऐसे में श्री पाण्डेय के अधिवक्ता कन्हैया लाल तिवारी ने प्रार्थना पत्र देकर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था जिसकी सुनवाई नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश अरूण भंसाली द्वारा 13 मार्च को निर्धारित किया गया था किन्तु बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने निजी कारणों से सुनवाई में उपस्थित रहने में असमर्थता जाहिर किया जिसके चलते सुनवाई टल गई पुनः सुनवाई 20मार्च को निर्धारित हुआ किन्तु मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में केस न होने के चलते पुनः सुनवाई टल गई जनहित में याची द्वारा शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करने के अनुरोध पर कल सोमवार को मुख्य न्यायाधीश ने फाइनल सुनवाई सुनिश्चित किया है अपनी जीत के प्रति आस्वस्त श्री पाण्डेय का कहना है कि कल टोल का खेल समाप्त करने का आदेश देर शाम तक आ जाने से जनपद बस्ती के साथ साथ लखनऊ से गोरखपुर की यात्रा करने वाले पूर्वांचल के दर्जनों जिलों के लाखों लोगों को एक अतिरिक्त टोल से मुक्ति मिलेगी। श्री पाण्डेय ने कहा कि मंगलवार को बजरंगबली का दर्शन कर मीडिया के साथियों संग प्रेस वार्ता करूंगा व जनहित में खुले चौराहे पर अण्डरपास निर्माण व नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने हेतु कानूनी व जमीन लड़ाई लड़ूंगा उन्होंने कहा संसाधन युक्त लोग जाति धर्म का समीकरण तय कर चुनाव लड़ें हम सर्वसमाज के हित में बुनियादी मुद्दों हेतु लड़ते रहे हैं व आगे भी लड़ते रहेंगे।