काला मोती एक गंभीर बीमारी, नजरअंदाज नहीं करना चाहिए : सिविल सर्जन डाॅ. कविता सिंह

 फाजिल्का, 11 मार्च( ज्ञान साहनी)

 सिविल सर्जन फाजिल्का (अतिरिक्त ड्यूटी) डाॅ.  आज सिविल सर्जन कार्यालय फाजिल्का में 'विश्व ग्लूकोमा दिवस' (काला मोतियाबिंद दिवस) के अवसर पर कविता सिंह द्वारा एक जागरूकता पोस्टर जारी किया गया।  इस अवसर पर जिला महामारी अधिकारी डाॅ.  सुनीता, डाॅ.  आमना कंबोज, डाॅ.  प्रिंस विशेष रूप से उपस्थित थे।

 इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डाॅ.  कविता सिंह ने कहा कि काला मोतियाबिंद आंखों की एक आम समस्या है, जो उम्र के साथ अधिक लोगों में होती है, लेकिन सही समय पर पहचान होने पर इसे रोका जा सकता है।  जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, पुरानी कोशिकाएं आंख के रेटिना के केंद्र को प्रभावित करने लगती हैं।  इससे मरीज को चीजें धुंधली नजर आने लगती हैं।

 उन्होंने कहा कि काला मोतियाबिंद के कारण आंखों का लाल होना और पानी आना, आंखों की पुतली का बढ़ना, दृश्यता कम होना, आंखों के लेंस पर तनाव, सिर में दर्द, चश्मे के नंबर में बार-बार बदलाव के अलावा मधुमेह भी होता है। .रक्तचाप आदि रोग होने से नेत्र रोग हो जाते हैं।  यदि काला मोतियाबिंद के कारण दैनिक कार्यों में कोई परेशानी हो तो सर्जरी कराना जरूरी है, जो सुरक्षित और प्रभावी है।

 उन्होंने यह भी बताया कि काला मोतियाबिंद या ग्लूकोमा में आंखों के अंदर पाया जाने वाला तरल पदार्थ एक्वेस ह्यूमर का प्रवाह बाधित होने लगता है।  जिससे आंखों का दबाव बढ़ जाता है।  जलीय हास्य का प्रवाह बाधित होता है और आंखों पर दबाव बढ़ जाता है।  इस मौके पर अन्यों के अलावा दिवेश कुमार, हरमीत सिंह, बीसीसी सुखदेव सिंह, अतिंदरपाल सिंह, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर कृष्ण कंबोज, स्वर्ण सिंह आदि मौजूद थे।
–‘विश्व ग्लूकोमा दिवस’ (काला मोतियाबिंद दिवस) के अवसर पर जागरूकता पोस्टर जारी किया गया।
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