चित्रकूट 11 मार्च 2024
एक बार फिर रविवार की रात्रि में पंपापुर हनुमानगढ़ी आश्रम में डकैतों ने बोला धावा
पंपासुर आश्रम से हनुमान जी की आंखें, गदा-मुकुट आदि सामान 1 मार्च को लूट ले गए थे चोर
श्रद्धालुओं ने सिद्ध प्राचीन हनुमान मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था फिर से मुस्तैद करने की उठाई मांग
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ शिवसंपत करवरिया
जनपद चित्रकूट देवांगना कोटितीर्थ स्थित पंपापुर आश्रम में रविवार की रात्रि में एक बार फिर चोरों ने धावा बोल दिया लेकिन पुजारी रामकृष्ण दास की सक्रियता भांप डकैत भाग खड़े हुए, इस प्रकार घटना होते होते बची। यह घटना बीती रात लगभग 11 बजे की है । बदमाश दीवार फांदकर आश्रम में घुसे और सबसे पहले वे इस बार महाराज के आवास का दरवाजा भड़भड़ा कर खोलने को कहा। बदमाशों की आवाज सुन पुजारी राम कृष्ण दास ने फोन से बाजपेई जी कानपुर को सूचना दी , पुजारी की सक्रियता को भांप कर डकैत भागे।
डकैतों द्वारा बार-बार ऐसी घटना करने पीछे ऐसा लग रहा है कि वह आश्रम में रह रहे तपस्वी संत प्रेम दास जी और पुजारी रामकृष्ण दास को किसी तरह वहां से हटाना चाहते हैं क्योंकि पिछले एक मार्च को डकैतों ने सारा सामान लूटपाट कर ले गए थे अब वहां कुछ बचा नहीं सिर्फ पुजारी रह रहे हैं
गौरतलब है कि एयरपोर्ट के पास पंपापुर आश्रम एक गुफा के अंदर हनुमान जी विराजमान हैं । यहां महंत प्रेमदास तपशाली और उनका एक शिष्य रामकृष्ण दास ही रहते हैं। विगत 1 मार्च गुरुवार की रात चोरों ने यहां धावा बोला और हनुमान जी की आंखें , गदा, मुकुट, पैर के आभूषण और अन्य सामान के साथ चढ़ावा चुरा ले गए। चोरों ने लोहे के दरवाजे को टेढ़ा कर दिया था। सुबह बाबाजी की नींद खुली तो वह सन्न रह गए। चोरी के संबंध में लोगों ने बहिलपुरवा पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस पहुंची तो थी लेकिन सुरक्षा का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया और एक बार फिर उस समय डकैत वहां धावा बोले जब देवांगना एयरपोर्ट का भव्य लोकार्पण हुआ और उसी रात डकैत भी पंपापुर आश्रम में धाबा बोल दिया। आश्रम के ऊपर देवांगना घाटी पर पास में ही हवाई पट्टी होने के बाद भी बार बार चोरी की घटना होना पुलिस को चुनौती ही तो कहीं जाएगी। पुजारी रामकृष्ण दास ने बताया कि इसके पूर्व भी लगभग डेढ़ साल पहले यहां चोरी हुई थी। वहां पर तपस्यारत बाबा पूरी तरह से सामाजिक जीवन से विरक्त हैं और वह चोरी की घटना की रिपोर्ट आदि भी नहीं दर्ज कराते। बताया कि जब यहां जंगलों में डकैतों की चहलकदमी थी तो पीएसी की टुकड़ी रहती थी पर अब सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। श्रद्धालुओं ने मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था कराने की मांग की है।