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जिला न्यायालय ए0डी0आर0 सेन्टर अशोकनगर के सभाकक्ष में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पवन कुमार शर्मा द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने लोक अदालत को सफल बनाने व पक्षकरों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने हेतु समस्त न्यायाधीशों एवं अधिवक्ताओं, बैंक, विद्युत तथा नगरपालिका विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से अपील की गयी। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश श्री प्रवेन्द्र कुमार सिंह, श्री प्रकाश केरकेट्टा, श्री उपदेश कुमार राठौर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री महेन्द्रपाल सिंह तथा श्रीमती पूनम कटारिया, श्री तनवीर खान, श्रीमती बवीता प्रजापत, श्री अखिलेश चॉडक, श्री सतेन्दर पानू, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ, श्री महेन्द्र सिंह यादव, श्री बृजेश पटेल, जिला विधिक सहायता अधिकारी, अधिवक्तागण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्तागण, न्यायिक कर्मचारीगण एवं पक्षकारगण आदि उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में न्यायालयीन खण्डपीठ के माध्यम से कुल 266 मामलों का निराकरण हुआ। जिसमें आपराधिक प्रकरण 84 सिविल प्रकरण 21 , क्लेम प्रकरण 01, विद्युत प्रकरण 23, धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के 98 अन्य न्यायालयीन मामले 32, वैवाहिक प्रकरण 07 एवं 531 प्रीलिटिगेशन स्तर के मामले शामिल रहे एवं कुल 797 प्रकरणों में 7,21,09,862/- रूपये(सात करोड़ इक्कीस लाख नो हजार आठ सौ बासठ रूपये) का अवार्ड पारित हुआ।
नेशनल लोक अदालत में सफलता की कहानी
ग्राम पाकोन निवासी भगवान सिंह, गोपाल सिंह, हरिसिंह और शिवनन्दन के बीच बिजली खंभा के विवाद को लेकर भगवान सिंह एवं गोपाल सिंह ने अपने भाई हरिसिंह एवं शिवनन्दन के साथ आपसी झगड़ा हो गया। जिसमें गोपाल सिंह एवं भगवान सिंह ने अपने भाई के विरूद्ध धारा 506, 294 एवं 324 का प्रकरण दर्ज करवाया। परिवार में आपक्षी झगड़ा होने से कलह हुआ। उक्त प्रकरण को 09.03.2024 की नेशनल लोक अदालत में प्रकरण को मुख्य न्यायिक मजि0 की खण्डीठ रखा गया। उक्त प्रकरण में सीजीएम श्री महेन्दपाल सिंह एवं सुलहकर्ता सदस्य श्री रविन्द्र कुमार लोधी द्वारा दोनों पक्षों को समझाईश दी गई। तदुपरांत दोनों पक्षकार आपसी सहमति से प्रकरण को निराकरण हेतु सहमत हुए। इस तरह एक परिवार के आपसी कलह को नेशनल लोक अदालत में निराकरण करवाया गया। उक्त प्रकरण के सहयोग में पीएलव्ही श्री मोतीसिंह अहिरवार द्वारा सहयोग दिया गया।