*हिन्दू महासभा राष्ट्रीय कार्यसमिति की जोधपुर बैठक में गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करवाने की हुंकार भरेंगे साधु संत – बी एन तिवारी

रिपोर्ट: मनोज कुमार शर्मा

दिनांक:27/02/24

जिला:मैनपुरी

स्थान:मैनपुरी

 

 

*हिन्दू महासभा राष्ट्रीय कार्यसमिति की जोधपुर बैठक में गाय को राष्ट्रीय घोषित घोषित करने की हुंकार भरेंगे साधु संत – बी एन तिवारी *

 

नई दिल्ली। अखिल भारत हिंदू महासभा राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक 17-18 मार्च को जोधपुर में होगी। सम्मलेन की राष्ट्रपति श्री हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्मारक कुमार पत्रिका करेंगे। बैठक में गाय को राष्ट्रीय आपराधिक घोषित करने, हिंदू राष्ट्र बनाने, जन प्रतिनिधियों की पेंशन में सुधार करने, एक से अधिक पेंशन पर रोक लगाने सहित कई राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विषयों पर प्रस्ताव दिया गया।

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का पूर्वावलोकन हो चुका है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्र अग्रवाल को कार्यक्रम की व्यवस्था का उत्तरदायित्व दिया गया है, जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रा अग्रवाल को कार्यक्रम की व्यवस्था का उत्तरदायित्व दिया गया है। राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह भाटी ने बैठक में बाहर से आने वाले कार्यालय में स्वागत अभिनंदन का उत्तरदायित्व ग्रहण किया है।

राष्ट्रीय जवानों के अंतिम संस्कार में कहा गया है कि जोधपुर के लिए गौरव की बात है कि हिंदू महासभा के देश भर के प्रतिनिधि जोधपुर की धरती पर आ रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम के विस्तृत अभिलेख में कहा कि 17 मार्च को राजस्थान प्रदेश का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। 18 मार्च को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिवालय कुमार मंदिर के राष्ट्रपति के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।

ललित अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में देश भर के साधु संतों और आचार्य धर्मों को आमंत्रित किया जा रहा है। साधु संत की आवाज में गाय को राष्ट्रीय घोषित घोषित करने की हुंकार भरते हुए आंदोलन को नई गति प्रदान करेंगे। 👉🏻‍♂️ प्रदेश में रेजोल्यूशन का नाम घोषित किया गया।

बयान के अनुसार प्रदेश की स्थिति में सभी प्रतिनिधि और अतिथि शामिल होंगे, अगले दिन राष्ट्रीय कार्यसमिति का भी प्रतिनिधित्व होगा। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप और फोन के माध्यम से देश भर से दो पदों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। शीघ्र ही नियुक्त और प्रमुख साधु संत – धर्माचार्यों के नाम सार्वजनिक। स्थलों को भव्य एवं ऐतिहासिक बनाने के लिए स्थानीय स्मारक-आस्थाओं को दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं।

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