एसबीएफ हजारीबाग की टीम ने बलबल और द्वारिका गांव का मुआयना करते हुए पता लगाया कि बलबल नदी में 35 साल बाद इतना खतरनाक बाढ़ आया है। बाढ़ के पानी ने गांव में काफी तबाही मचाई है, लेकिन राहत की बात है कि हालात अब काबू में हैं।

बाढ़ की तबाही
बाढ़ के पानी ने गांव के कई घरों को नुकसान पहुंचाया है, और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लेकिन इस मुश्किल की घड़ी में भी गांव के लोगों ने एकजुट होकर एक दूसरे की मदद करने का प्रयास किया है।
एसबीएफ हजारीबाग की टीम के प्रयास
एसबीएफ हजारीबाग की टीम ने गांव के लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा। टीम ने देखा कि बलबल में एक बहुत पुराना कुंड है जिसमें प्राकृतिक रूप से गर्म पानी निकलता रहता है, और यहां एक बहुत पुराना मंदिर भी है। बाढ़ का पानी लगभग 8 फीट तक ऊपर पहुंच गया था, जिससे पूजा सामग्री की दुकान का सामान कुछ बह गया और कुछ को लोगों की मदद से बचा लिया गया।
टीम के सदस्य
– झारखंड को- कंवेनर मोहम्मद अयातुल्लाह इरफान
– एरिया कंवेनर कामिल अख्तर
– वॉलंटियर एमडी मिनहाज
आगे की योजना
एसबीएफ हजारीबाग की टीम आगे भी गांव के लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। टीम जल्द ही सफाई और राहत कार्य शुरू करेगी, और गांव के लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
निष्कर्ष
एसबीएफ हजारीबाग की टीम के प्रयासों से गांव के लोगों को राहत मिली है, और वे जल्द ही अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम होंगे। टीम की इस पहल की सराहना की जानी चाहिए, और हमें उम्मीद है कि आगे भी वे इसी तरह से लोगों की मदद करते रहेंगे।