मनोज कुमार चौहान की रिपोर्ट,,,
धनबाद : नीरज सिंह हत्याकांड में नामजद आरोपी और पूर्व विधायक संजीव सिंह ने अदालत में एक सनसनीखेज आवेदन देकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि जांच अधिकारियों और अभियोजन पक्ष ने उन्हें साजिशन फंसाने के लिए झूठे और फर्जी साक्ष्य गढ़े हैं। इस मामले की सुनवाई आज (21 अगस्त 2025) को न्यायालय में होनी है।
संजीव सिंह ने अपने अधिवक्ता एम. अली के माध्यम से अदालत में आवेदन देते हुए आरोप लगाया है कि जांच अधिकारी निरंजन तिवारी और लोक अभियोजक संतेष्ट कुमार राय ने झारखंड सरकार की शह पर उनके खिलाफ साजिश रची। उनका कहना है कि इन अधिकारियों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज और मोबाइल सीडीआर रिपोर्ट तैयार की, ताकि उन्हें हत्या के मामले में दोषी साबित किया जा सके।
आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि 13 अगस्त 2025 को कोर्ट में संजीव सिंह के मोबाइल नंबर की जो सीडीआर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, वह झूठी है। दावा किया गया है कि उस रिपोर्ट में मोबाइल टावर लोकेशन के जरिए यह दिखाने की कोशिश की गई कि घटना के समय संजीव वारदात स्थल पर मौजूद थे, जबकि असली रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है। इसी तरह आदित्य नामक व्यक्ति के मोबाइल नंबर की भी फर्जी सीडीआर बनाई गई।
वकील ने यह भी कहा कि मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के कॉल डेटा अधिकारी की रिपोर्ट से यह साफ है कि आदित्य का मोबाइल टावर उस समय घटना स्थल से काफी दूर था। इसके बावजूद सीडीआर को तोड़-मरोड़ कर कोर्ट में पेश किया गया। इसके अलावा, अभियोजन पक्ष पर यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने मामले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य जैसे सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल रिकॉर्ड, और पुलिस जांच रिपोर्ट को जानबूझकर छिपाया।
आज अदालत में इस आवेदन पर सुनवाई होगी। अगर संजीव सिंह के आरोपों में सच्चाई पाई गई, तो यह न केवल इस केस की दिशा बदल सकता है बल्कि जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर सकता है।