रायगढ़ : खरसिया के कुनकुनी गांव स्थित वेदांता कंपनी का रेल्वे साइडिंग, जहां से कोयला परिवहन का काम होता है, स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है। यह साइडिंग राष्ट्रीय राजमार्ग NH-49 के बिल्कुल किनारे कंपनी के मेन गेट पर स्थित है। यहां से निकलने वाले ट्रेलरों के पहियों में चिपका गीला कोयला डस्ट सड़कों पर बिछ जाता है।
मुख्य मार्ग होने के कारण जैसे ही गाड़ियां इस हिस्से से गुजरती हैं, डस्ट का गुबार उठकर पूरे रोड पर छा जाता है और काला धुंध का बादल बन जाता है। इस धूल से न केवल राहगीर और वाहन चालक परेशान होते हैं बल्कि आसपास रहने वाले ग्रामीणों का जीवन भी दूभर हो गया है।
गौरतलब है कि यह शिकायत कई बार अखबारों और न्यूज़ पोर्टलों में प्रकाशित हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा लगता है मानो सभी को अपना-अपना हिस्सा पहुंच रहा है, तभी अब तक इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि धूल प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं, वहीं सड़क पर फिसलन और दृश्यता कम होने से कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं। लोगों ने प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि आमजन को इस कोयला डस्ट के कहर से राहत मिल सके।