मुरादाबाद, 9 अगस्त 2025 — तीन दिनों की लगातार मूसलधार बारिश के बाद मुरादाबाद में रामगंगा नदी उफान पर है। कटघर रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान 190.60 मीटर से 42 सेंटीमीटर ऊपर, यानी 191.02 मीटर दर्ज किया गया, जबकि दिन में यह 191.22 मीटर तक पहुंच गया। इस बाढ़ से 75 गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र आशियाना, नवाबपुरा, लालबाग, बरवलान, वारसी नगर, जामा मस्जिद पुल, ठाकुरद्वारा मार्ग, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय परिसर और भिकनपुर हैं। भिकनपुर का पुल टूटने से 50 से अधिक गांवों का सड़क संपर्क कट गया है।
सुबह 6 बजे प्रशासन ने खतरे का अलर्ट जारी किया, 8:30 बजे जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ, 10 बजे से प्रभावित गांवों से लोगों की निकासी शुरू हुई, दोपहर 1 बजे भिकनपुर पुल के टूटने के बाद हाईवे यातायात रोक दिया गया, और शाम 4 बजे तक 15 बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गईं। NDRF की टीम और रेस्क्यू बोट तैनात हैं, और शाम 7 बजे तक 1,200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है।
जिलाधिकारी अनुज सिंह और उप-जिलाधिकारी डॉ. राममोहन मीना राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि नदी किनारे या पानी भरे इलाकों में न जाएँ, ऊँचे और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें, आवश्यक दस्तावेज और दवाइयाँ साथ रखें, और किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करें।
जन सहयोग के लिए प्रशासन ने निवेदन किया है कि जिनके पास नाव, ट्रैक्टर या बड़े वाहन हैं, वे रेस्क्यू टीम को उपलब्ध कराएँ, और बाढ़ पीड़ितों के लिए सूखा भोजन, पीने का पानी, कपड़े और तिरपाल दान करें। मेडिकल स्वयंसेवकों और NGO को राहत शिविरों में शामिल होने की अपील की गई है।
प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी नदियाँ उफान पर हैं, और 22 जिलों के 931 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। मुरादाबाद प्रशासन ने कहा है कि हालात पर 24 घंटे नज़र रखी जा रही है और लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुरादाबाद से — निविद कुमार की रिपोर्ट।