मलकानगिरी बॉर्डर पर दुर्दांत माओवादी दंपति ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण

मलकानगिरी: लगभग 45 वर्षों तक माओवादी संगठन में सक्रिय रहने के बाद, दुर्दांत माओवादी दंपति ने आखिरकार मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है। तेलंगाना की राचकोंडा पुलिस के समक्ष उन्होंने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित दंपति हैं दंडकारण्य स्वतंत्र जोनल कमेटी के सचिव और राज्य कमेटी सदस्य माला संजीव उर्फ लेंगू दादा (62 वर्ष) और उनकी पत्नी परगुडा पार्वती उर्फ दीना (50 वर्ष), जो राज्य कमेटी की सदस्य रह चुकी हैं।

संजीव ने वर्ष 1980 में माओवादी संगठन से जुड़कर जननाट्य मंडली में 6 वर्षों तक काम किया। वर्ष 1982 में उन्होंने माओवादी महिला कार्यकर्ता विद्या से विवाह किया, जो 2002 में एक मुठभेड़ में मारी गईं। 1996 में उन्हें पीपुल्स वार ग्रुप में नियुक्त किया गया और विभिन्न जिम्मेदारियों के साथ डिवीजनल कमेटी मेंबर (DVCM) के रूप में काम किया। वर्ष 2003 में वे दंडकारण्य स्वतंत्र जोनल कमेटी के प्रमुख बने।

वर्ष 2007 में संजीव ने पार्वती से विवाह किया। दोनों ने जननाट्य मंडली के ज़रिए गांव-गांव घूमकर गीत और नृत्य के माध्यम से लोगों को “जनक्रांति” के लिए प्रेरित किया।

पार्वती 1992 में संगठन से जुड़ीं और 1998 में एरिया कमेटी सदस्य (ACM) बनीं। 2007 में उन्हें आंध्र-ओडिशा स्वतंत्र जोनल कमेटी में ACM बनाया गया। संगठन उनके कार्य से प्रभावित होकर 2018 में उन्हें स्टेट कमेटी मेम्बर बना दिया।

दोनों माओवादी नेताओं ने दावा किया है कि वे कई बार पुलिस की गोलीबारी से बाल-बाल बचे हैं। लेकिन अब चार राज्यों में माओवादियों के खिलाफ पुलिस की तीव्र कार्रवाई से डरकर आत्मसमर्पण का रास्ता चुना है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी दंपति को सभी प्रकार की सहायता और पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

यह आत्मसमर्पण माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है और मुख्यधारा में लौटने वालों के लिए एक सकारात्मक संकेत भी।

 

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