दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) — छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। गुरुवार को जिले के पुलिस मुख्यालय में 12 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण ‘लोन वराटू’ अभियान के तहत हुआ, जो माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करने का एक सशक्त प्रयास है।
विशेष रूप से ये माओवादी ओडिशा के मलकानगिरी जिले से सटी छत्तीसगढ़ की सीमा पर सक्रिय थे, जो लंबे समय से माओवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता रहा है।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम के दौरान दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय स्वयं मौजूद रहे और उन्होंने माओवादियों को पुनर्वास योजना का लाभ देने की बात कही।
इन 12 आत्मसमर्पण करने वालों में से 9 माओवादियों पर कुल 28.50 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिससे इस कार्रवाई की अहमियत और सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
आत्मसमर्पण करने वालों ने संगठन की विचारधारा से मोहभंग और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने की बात कही।
‘लोन वराटू’—जो स्थानीय गोंडी भाषा में “घर लौटने की अपील” का प्रतीक है—इस अभियान के तहत अब तक सैकड़ों माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
सिर्फ 2024 में ही बस्तर संभाग में 800 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसके पीछे सुरक्षा बलों की बढ़ती पकड़, सख्त कार्रवाई और माओवादी क्षेत्रों में तेजी से हो रहे विकास कार्य अहम भूमिका निभा रहे हैं।
मलकानगिरी सीमा से लगे इन संवेदनशील इलाकों में यह आत्मसमर्पण न केवल क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति में सुधार का संकेत है, बल्कि सरकार के पुनर्वास प्रयासों की सफलता भी दर्शाता है।