मैं हूँ नारी अबला नहीं, सबला नारी हूँ मै
दो कुल की ,किनारी हूँ मै
अपने परिवार की,फुलवारी हूँ मै
संघर्षो में, संघर्षधारी हूँ मैं
अबला नहीं, सबला नारी हूँ मैं ।बाबुल की परीरानी हूँ मै
मायका की सुकुमारी हूँ मै
अपने बच्चे की,ममताधारी हूँ मै
और पति की, पटरानी हूँ मैं
अबला नहीं, सबला नारी हूँ मैजगत की रचियता, महतारी हूँ मै
सीता जैसी, प्यारी हूँ मै
दुर्गा जैसी, चंडीधारी हूँ मै
अबला नहीं, सबला नारी हूँ मै ।काम की पुजारी हूँ मै
नारी,, बड़ी निराली हूँ मै
भगवान की,आभारी हूँ मैं
क्योंकि, नारी की अवतारी हूँ मै
अबला नहीं,, सबला नारी हूँ मै
अबला नहीं, सबला नहीं हूँ मै।।लेखिका
अन्नपूर्णा वर्मा
हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी
बघेरा दुर्ग छ ग