- मंगल प्रभात लोढ़ा , हार्दिक हुंडीया और पृथ्वीराज कोठारी का सम्मान
- प्रसिद्ध जैनाचार्य हितेश चंद्र को राष्ट्रीय संत की पदवी की घोषणा
- रिपोर्टर दिलीप कुमरावत MobNo 9179977597
मनावर। (जिला धार) साधु भूल करे तो श्रावक सुधारे और श्रावक भूल करे तो साधु सुधारे, लेकिन दोनों भूल करे तो कौन सुधारे ? इस सवाल का जवाब मुजे तीन थॉय के गच्छाधिपति परम पूज्य हितेश चंद्र विजय जी महाराज सा के कमाठी पूरा चातुर्मास के प्रवेश में मिला । ये बात कहते हुये जैन समाज के अग्रणी हार्दिक हुंडिया ने बताया कि इनका जवाब संघ है। जैन धर्म में संघ महान है। इनकी रचना तीन लोक के नाथ देवाधिदेव परमात्मा भगवान महावीर स्वामीजी ने की थी। परम कृपालु परमात्मा के अनमोल संदेश सवी जीव करू शासन रशी की उत्कृष्ट भावना भाने वाले हितेश चंद्र विजय, निलेश चंद्र विजय अन्य मुनि महाराज, साध्वीजी महाराज चातुर्मास के लिये पधारे है। कमाठीपुरा संघ ने भव्य चातुर्मास प्रवेश कराया गया।
हार्दिक हुंडिया ने कहा कि चार महीना धर्म ध्यान करके पुण्य कमाने का अनमोल अवसर है। हितेश विजय जी के शिष्यों में धर्म प्रति जो खुमारी है वो वंदनीय है। नीलेश चंद्र विजय इनकी अनमोल पहचान है। धर्म में कहा भी अन्याय होता है तो निलेश चंद्र विजय वहाँ पहुंचकर के आवाज़ उठाते है।
हार्दिक हुंडीया ने कहा की ख़ुद की आत्मा के कल्याण के साथ साथ हमारी आत्मा का भी कल्याण करने वाले , जिनके नाम में भी सभी का हित है, ईश्वर के आराधक भी है ऐसे महान संत को राष्ट्रीय संत की पदवी जल्द गाजे बाजे के साथ सकल संघ की हाजरी में दी जायेगी।
महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मोहन खेड़ा ट्रस्ट के अग्रणी सुजानमल शेठ, पृथ्वीराज कोठारी, हार्दिक हुंडिया का सम्मान किया गया।
डीसा के प्रसिद्ध बेंड अजंता बेंड, संगीत कार नरेंद्र वाणी गोता ने भक्ति के साथ संचालन भी किया था। रमेश शाह , चंपालाल वर्धन , मंजू लोढ़ा और देश के कई राज्यो से भक्तों ने चातुर्मास प्रवेश में हाजरी दी थी।