हरियाणा के समालखा की रहने वाली जाह्नवी पंवार को आज देशभर में वंडर गर्ल के नाम से जाना जाता है। और इस बार उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, वो न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।
सिर्फ 21 साल की उम्र में जाह्नवी को IIT दिल्ली के PHD प्रोग्राम में दाखिला मिला है, और वह देश की सबसे कम उम्र की PHD स्कॉलर बन चुकी हैं। यह उपलब्धि और खास इसलिए है क्योंकि उन्हें पूरे भारत से चुने गए सिर्फ पाँच प्रतिभाशाली छात्रों में जगह मिली है। अब वह फोक लिटरेचर जैसे अनूठे विषय पर रिसर्च करेंगी।
यह पहला मौका नहीं है जब जाह्नवी ने अपनी प्रतिभा से सबको चौंकाया हो। उन्होंने तो 11 साल की उम्र में ही 10वीं की परीक्षा पास कर ली थी, और 13 साल की उम्र में 12वीं भी पूरी कर ली थी। 16 साल की उम्र में ग्रेजुएट बनीं, 18 में अंग्रेजी में एमए किया और 19 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईं।
उन्होंने कॉलेज के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को पढ़ाया, रिसर्च पेपर लिखे, किताबें प्रकाशित कीं, और अब भी उनका पढ़ाई का सफर जारी है। हाल ही में उन्होंने बताया कि उन्होंने गेट परीक्षा पास की, यूजीसी-नेट में 95% अंक लाए, और IIT की इंटरव्यू राउंड में पाँच प्रोफेसरों के पैनल के सामने अपनी जगह बनाई।
एक छोटे से शहर से निकलकर इतनी बड़ी उपलब्धियां हासिल करना आसान नहीं होता, लेकिन जाह्नवी ने यह कर दिखाया है। वह सिर्फ एक छात्रा नहीं हैं, बल्कि एक मिसाल हैं, एक संदेश हैं — कि जब इरादे सच्चे हों और मेहनत लगातार हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।