ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले के लोगों का वर्षों पुराना सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। लंबे इंतजार के बाद, जयरपुर से भद्राचलम तक प्रस्तावित रेल लाइन परियोजना के तहत मथिली ब्लॉक कार्यालय परिसर में शुक्रवार को ज़मीन अधिग्रहण के पहले चरण के तहत प्रभावितों को मुआवजा वितरित किया गया।
इस कार्यक्रम में नवरंगपुर के सांसद बलभद्र माझी, मलकानगिरी विधायक नरसिंह माड़कामी, चित्रकोंडा विधायक प्रतिनिधि गोविंद पात्रा और मलकानगिरी जिलाधिकारी आशिष ईश्वर पाटिल ने हिस्सा लिया। उन्होंने ज़मीन खोने वाले स्थानीय निवासियों को मुआवजा राशि प्रदान की।
इस चरण में मथिली पंचायत के 48 और खैरपुट ब्लॉक के 4 लाभार्थियों को कुल 12.82 एकड़ ज़मीन के लिए 2 करोड़ 45 लाख 55 हज़ार 399 रुपये का मुआवजा दिया गया। यह प्रस्तावित रेल लाइन लगभग 80 किलोमीटर लंबी होगी, जो ज़िले के 42 गांवों से होकर गुज़रेगी, जिनमें मथिली ब्लॉक के 15, खैरपुट ब्लॉक के 13 और मलकानगिरी ब्लॉक के 14 गांव शामिल हैं।
रेल परियोजना के लिए कुल 1946 एकड़ ज़मीन की आवश्यकता है, जिसमें से 714 एकड़ निजी ज़मीन है, 1002 एकड़ वन विभाग की और 231 एकड़ सरकारी ज़मीन है। इस अधिग्रहण पर कुल 476 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें 150 करोड़ रुपये रेलवे विभाग और बाकी राज्य सरकार वहन करेगी।
सांसद बलभद्र माझी ने बताया कि पहले की सरकारों ने इस परियोजना पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन वर्तमान ‘डबल इंजन सरकार’ ने इसे प्राथमिकता दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले 6 महीनों में अधिग्रहित ज़मीन को रेलवे विभाग को सौंप कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
हालाँकि कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि अभी तक सभी प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिला है और एकड़ के हिसाब से कितना मुआवजा दिया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि जब तक सभी बातों की पारदर्शिता नहीं होती, तब तक लोग संदेह में ही रहेंगे।
जयरपुर-भद्राचलम रेल प्रोजेक्ट को लेकर मलकानगिरी में उत्साह और आशा की लहर दौड़ गई है, परंतु ज़मीनी स्तर पर पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना सरकार की अगली बड़ी चुनौती होगी।