ओडिशा: भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

ओडिशा विजिलेंस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बिसमकटक की बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) सुशीला साबर और क्लर्क-कम-अकाउंटेंट रामचंद्र पात्रा को ₹80,000 की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।

दोनों अधिकारी एक डोंगरिया कंधा जनजाति की महिला से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति पत्र जारी करने के एवज में ₹1 लाख की मांग कर रहे थे। 20 जून को महिला से ₹20,000 PhonePe के जरिए पहली किस्त के तौर पर वसूला गया था। 23 जून को ₹80,000 की अंतिम किस्त लेते समय विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाकर दोनों को धर दबोचा।

पूरी रकम स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में जब्त कर ली गई है। आरोपियों के रायगड़ा जिले के टुम्बीगुड़ा स्थित आवासों पर भी छापेमारी की गई।

दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि पात्रा पर पहले से ही 2014 का एक भ्रष्टाचार मामला न्यायालय में लंबित है।

यह गिरफ्तारी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विजिलेंस विभाग की सतत मुहिम को दर्शाती है।

Exit mobile version