21 जून को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में शिक्षकों का एक दिवसीय आंदोलन

मांगें जल्द पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा : समरेंद्र बहादुर सिंह

पटना :-

बिहार में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं और शिक्षकों की उपेक्षा को लेकर अब शिक्षकों ने आंदोलन का रास्ता चुन लिया है। बिहार विधान परिषद सभागार में विधान परिषद सदस्य बंशीधर बृजवासी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शिक्षकों की लंबित समस्याओं और मांगों को लेकर अहम फैसला लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि 21 जून 2025 को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में नियोजित, नियमित और विशिष्ट शिक्षक एक दिवसीय आंदोलन करेंगे।इस आंदोलन के माध्यम से शिक्षक अपनी 7 सूत्री प्रमुख मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपनी आवाज बुलंद करेंगे। इन मांगों में नियोजित शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति देने, विशिष्ट शिक्षकों को सेवा निरंतरता का लाभ देने, शनिवार को विद्यालय को आधे दिन संचालित करने, HRMS ऑनबोर्डिंग की समस्या का प्रदेशव्यापी समाधान करने, विशिष्ट शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का संधारण विशेष कैंप के माध्यम से कराने, सभी कोटि के शिक्षकों का वेतन हर माह के प्रथम सप्ताह में भुगतान सुनिश्चित करने तथा बकाया वेतन और अन्य बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करना शामिल है।

 

बैठक में मौजूद शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों से शिक्षकों की समस्याएं अनदेखी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शिक्षकों की जायज़ मांगों पर सकारात्मक और त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से और उग्र रूप लेगा। बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षक प्रतिनिधियों ने भाग लेकर आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया। इस बैठक में दिनेश पासवान,महेश कुमार,संजय यादव,इंद्रजीत महतो, आतिश कुमार,शौकत अली,फिरोज इकबाल,शालिग्राम दुबे,नीलमणि जी,नन्दन कुमार, मकेश्र्वर राम,अशोक चौधरी, अनिल कुमार सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।

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