RPS भारत का नये कार्यालय का रसड़ा में हुआ उद्घाटन….

संघ के द्वारा दो पदाधिकारिओं को दी गयी नयी जिम्मेदारी.....

               पंकज मास्टर

(जिला रिपोर्टर- अखंड भारत न्यूज)



रसड़ा-बलिया ll बलिया जिले के रसड़ा तहसील क्षेत्र में रविवार को राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत के नये रसड़ा तहसील कार्यालय का उद्घाटन किया गया l रसड़ा रेलवे स्टेशन से 500 मीटर दूर भगत सिंह तिराहा स्थित शालीमार मैरिज हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया l राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कंचन सिंह जी द्वारा फीता काटकर रसड़ा तहसील इकाई कर्यालय का उद्घाटन किया गया l 

कार्यक्रम की शुरुवात संघ के नोडल अधिकारी डॉक्टर अशोक चौहान जी के द्वारा दीप जलाकर एवं माता सरस्वती के छवि पर पुष्प अर्पित करके किया गया l श्री चौहान जी पत्रकारों को अपने पुराने पत्रकारिता समय का अनुभव साझा करते हुए उचित मार्गदर्शन दिये l 
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि और विशिष्टअतिथि- कार्यक्रम के मुख्यतिथि राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश सिंह एवं राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती पूनम सिंह अपने परिवारिक प्राकृतिक दुर्घटनाओं के कारण कार्यक्रम में भाग नही ले पाये l विशिष्टअतिथि हैदराबाद की धरती से चलकर आये डॉक्टर अजमल अली खान एवं डॉक्टर अकमल अलि खान रहे । जिन्होने बताया कि वर्तमान समय में पत्रकारिता करना चुनौतिपूर्ण है l इस समय पत्रकारों को साथ आकर निडर तथा निर्भय होकर पत्रकारिता करने की आवश्यकता हैँ l

पदाधिकारिओं को दी गयी नयी जिम्मेदारी-  नोडल अधिकारी डॉक्टर अशोक चौहान द्वारा नित्यानंद  सिंह को मंडलअध्यक्ष तथा हरिनारायण सिंह को कार्यवाहक मंडलअध्यक्ष के पद पर शपथ कराया गया l जिलाध्यक्ष दुर्गाशंकर सिंह द्वारा मुँह मिठा कराया गया l
सम्मान समारोह- आयोजन में आये हुये सभी आगंतुकों को रसड़ा तहसील अध्यक्ष सैयद शेराज अहमद जी द्वारा माला पहनाकर स्मृति निह्न तथा कलम-डायरी देकर सम्मानित किया गया l


इस अवसर पर राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत के प्रदेश कार्यकारिणी, जिला कार्यकारिणी तथा सभी तहसील इकाई के सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित रहें । पत्रकार बंधु शेराज अहमद द्वारा किये गये व्यवस्था की  सराहना किये।।

कार्यक्रम का संचालन आदित्य कुमार अंशु द्वारा किया गया । अंत में आयोजक जिला अध्यक्ष दुर्गा शंकर सिंह हुआ रसड़ा तहसील अध्यक्ष सैयद शेराज अहमद जी सभी  पत्रकार बंधुओ का आभार प्रकट किये ।।



जमीं बेच देंगे, गगन बेच देंगे। कली बेच देंगे, चमन बेच देंगे।। हे कलम के सिपाहीयों जग जाओ, नहीं तो ये देश के गद्दार वतन बेचेंगे ।। – पंकज मास्टर 

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