संवाददाता सन्नी चावला :-
राजधानी दिल्ली और एनसीआर की हवा एक बार फिर दमघोंटू हो गई है. धूल भरी आंधी के बाद शुक्रवार को पूरा इलाका एक मोटी धूल की चादर में लिपट गया, जिससे न केवल दृश्यता घट गई बल्कि वायु गुणवत्ता भी तेजी से गिरने लगी.
हवा में मौजूद धूल के कणों ने सांस लेना मुश्किल कर दिया है. हालात बिगड़ते देख वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से GRAP यानि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के पहले चरण (स्टेज-1) को लागू करने का फैसला लिया है. यह एक जरूरी कदम माना जा रहा है ताकि हालात और ज्यादा खराब न हों.
क्या है GRAP-1 और कब होता है लागू?
GRAP यानि Graded Response Action Plan दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपात योजना है, जो अलग-अलग स्तर के प्रदूषण के हिसाब से चरणबद्ध तरीके से लागू की जाती है. GRAP-1 तब लागू किया जाता है जब AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 201 से 300 के बीच पहुंचता है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. इस बार NCR में AQI 292 तक जा पहुंचा, जिसके बाद स्थिति को गंभीर मानते हुए यह फैसला लिया गया. एक मई को पाबंदियां हटा दी गई थीं, लेकिन हालात फिर से बिगड़ने लगे, जिससे आयोग को स्टेज-1 फिर से लागू करनी पड़ी.
जानें किन-किन चीजो पर लगी पाबंदी?
GRAP स्टेज-1 के तहत प्रदूषण फैलाने वाली कई गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जाती है. इसमें सबसे पहले खुले में कचरा जलाने पर पूरी तरह रोक लगाई जाती है. इसके अलावा डीजल जनरेटरों के उपयोग पर भी नियंत्रण लगाया गया है. रेस्टोरेंट्स में कोयला और लकड़ी जलाकर खाना बनाने पर रोक है, ताकि धुएं से हवा और न बिगड़े. साथ ही, निर्माण कार्यों में भी विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर निगरानी तेज कर दी गई है.
क्या आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं प्रतिबंध?
अगर हालात और बिगड़े यानि AQI 301 से ऊपर गया तो GRAP का स्टेज-2 लागू हो सकता है, जिसमें और सख्त पाबंदियां लगाई जाएंगी. स्टेज-3 तब लागू होता है जब AQI ‘गंभीर’ (400 के पार) हो जाता है और स्टेज-4 तब, जब यह 450 के ऊपर चला जाए. इसलिए अभी जरूरी है कि लोग खुद भी सतर्कता बरतें, गैर जरूरी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करें, कूड़ा न जलाएं और नियमों का पालन करें. सिर्फ सरकार नहीं, आम लोगों की जिम्मेदारी भी है कि हम इस हवा को और जहरीला होने से बचाएं.