यूं तो देश के अलग अलग शहर व कस्बे में ताजिया बनाए जाते हैं, लेकिन कौशांबी के कड़ा का ताज़िया माह ए मोहर्रम की शान माना जाता है। ताजिया की नायाब कारीगरी के कद्रदानों को मीलो दूर से खींच कर ताज़िया के गांव में लेकर आती है।
यूं तो देश के अलग अलग शहर व कस्बे में ताजिया बनाए जाते हैं, लेकिन कौशांबी के कड़ा का ताज़िया माह ए मोहर्रम की शान माना जाता है। ताजिया की नायाब कारीगरी के कद्रदानों को मीलो दूर से खींच कर ताज़िया के गांव में लेकर आती है।