जिला कलेक्टर ने बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाकर किया स्टॉप डायरिया कैम्पेन का शुभारंभ

चिकित्सा संस्थान और आंगनबाडी केन्द्रों पर ओआरएस जिंक कोर्नर की स्थापना

सीकर. सोमवार को चिकित्सा विभाग के स्टॉफ डायरिया कैम्पेन का जिला स्तरीय शुभारंभ जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी द्वारा किया गया। उन्होंने स्वास्थ्य भवन के पास स्थित अरबन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तीन नंबर में बच्चों को ओआरएस का घोल व जिंक की गोली खिलाकर तथा जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में पोस्टर का विमोचन कर कैम्पेन का शुभारंभ किया।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि प्रदेश में पांच वर्ष से छोटे बच्चों का प्रमुख कारण दस्त रोगी भी है। दस्त से होने वाली बाल मृत्यु को रोकने के लिए जिले में स्टॉप डायरिया कैम्पेन शुरू किया गया है। यह कैम्पेन 31 अगस्त चलेगा। इसके तहत आशा सहयोगिनी द्वारा पांच वर्ष से छोटे बच्चों के लिए घर घर प्रति बच्चा ओआरएस का एक पैकेट और जिंक की 10 गोलियां उपलब्ध करवाई जाएगी। दस्त होने की स्थिति में ओआरएस का घोल बच्चों को पिलाने तथा जिंक की गोली देने की सलाह देंगी और दस्त रोग की रोकथाम के बारे में आमजन को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दस्त से होने वाली बीमारियां आमतौर पर गर्मियों व मानसून के महीनों में होती है और सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं।

एडीशनल सीएमएचओ डॉ. हर्षल चौधरी ने बताया कि दस्त से होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण है। दस्त के कारण होने वाली मौतों को निर्जलीकरण इलाज करके रोका जा सकता है। इसके लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का उपयोग और दस्त के दौरान बच्चे को पर्याप्त पोषण क साथ जिंक की गोलियां दी जानी चाहिए। लगातार स्तनपान, उचित और सुरक्षित पूरक आहार, सुरक्षित पेयजल, हाथ धोना, स्वच्छता और टीकाकरण (रोटा वाइरस) से दस्त का रोका जा सकता है। चिकित्सा संस्थान व आंगनबाडी केन्द्रों पर ओआरएस-जिंक कोर्नर की स्थापना के साथ पांच साल से कम उम्र के बच्चों वालें घरों में ओआरएस और जिंक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल गढवाल, डॉ. मनोज भड़िया, डॉ. रूचिका पूनिया, प्रदीप चाहर सहित अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।

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