संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट गढ़वा से स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन उपायुक्त, गढ़वा शेखर जमुआर की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में आहूत की गई, जिसमें मुख्य रूप से उप विकास आयुक्त पशुपति नाथ मिश्रा, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल प्रदीप कुमार सिंह, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी गढ़वा जिला, सभी जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन एवं जल जीवन मिशन, सभी प्रखंडों के प्रखंड समन्वयक एवं मनरेगा BPO तथा पंचायती राज विभाग के सभी प्रखंडों के प्रखंड समन्वयक आदि उपस्थित थें।
.उक्त कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित वित्तीय वर्ष 2024-25 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए योजना के बारे में विस्तृत जानकारी राज्य समन्वयक मो. आजाद खान द्वारा पीपीटी के माध्यम से दिया गया। जिले के सभी गांवों को 5 स्टार मॉडल घोषित करने के लिए सभी प्रखंड से चयनित ग्राम में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन हेतु शॉकपीट बनाने के लिए सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को उपायुक्त द्वारा निदेशित किया गया। साथ ही राज्य से प्राप्त लक्ष्य को ससमय पूरा करने के लिए सभी संबंधित विभाग को वीएपी कार्य योजना बनाते हुए कार्य करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये गयें। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि माह जुलाई 2024 तक सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्राथमिकता के आधार पर अपने-अपने प्रखंड से 5-5 ग्रामों को हर हाल में (5 Star) घोषित करेंगे।
कार्यशाला के दौरान जानकारी दी गयी कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण -II अंतर्गत प्रत्येक घर में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन की सुविधा दिया जाना है। इससे संबंधित अद्यतन स्थिति को SBM (G) के MIS में प्रविष्टि किये बिना किसी गाँव को ODF श्रेणी में घोषित नहीं किया जा सकता है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-॥ अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न प्रकार की संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। जैसे कि खुले में शौच मुक्त का स्थायित्व-व्यक्तिगत घरेलु शौचालय का निर्माण (Individual Household Latrine), सामुदायिक स्वच्छता परिसर (Community Sanitary Complex) का निर्माण, खुले में शौच मुक्त के स्थायित्व हेतु प्रचार-प्रसार (Information Education and Communication) आदि। इसी प्रकार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट पीट, कम्पोस्ट पीट आदि का निर्माण कराया जा रहा है। तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु व्यक्तिगत सोख्ता गड्ढा, सामुदायिक सोख्ता गड्ढा, नाली का निर्माण आदि। गोबरधन योजना के तहत विभिन्न स्तरों पर बायोगैस प्लांट (Individual/Cluster/Community) का निर्माण आदि। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए भी उपाय किये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत बांस का घेरा, प्लास्टिक एकत्र करने हेतु Plastic Waste Management Unit (PWMU) पृथक्करण शेड का निर्माण आदि। माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए भष्मक का अधिष्ठापन एवं मलीय कचरा प्रबंधन हेतु सेप्टिक टैंक शौचालय के साथ सोख्ता गड्ढा, Feacal Sludge Treatment Plant आदि की व्यवस्था की जा रही है।