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बैतूल। विवेकानंद वार्ड निवासी शुभम पिता करण पवार ने कलेक्टर और एसपी को एक शिकायत पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने प्लॉट खरीदने के नाम पर धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया है। यह मामला बैतूल तहसील के टिकारी क्षेत्र से संबंधित है, जहां शुभम ने प्लॉट खरीदने के लिए अपने परिचित अर्जुन पवार के माध्यम से इकबाल और बब्बन पाटिल को 2 लाख रुपये का भुगतान किया था।
शुभम ने बताया कि उन्होंने दिनांक 24 दिसंबर 2022 को 1,00,000 रुपये और फिर दिनांक 26 दिसंबर 2022 को पुनः 1,00,000 रुपये नगद दिए थे। यह सौदा तीन लोगों के समक्ष पूरा हुआ था। भूमि स्वामी गजरा बाई राठौर के पुत्र बंटी राठौर से लगातार संपर्क में रहने और उन्हें विश्वास दिलाने के बाद भी भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो पाई। जब शुभम ने 9 जनवरी 2023 को रजिस्ट्री के बारे में संपर्क किया, तो उन्हें झूठा आश्वासन दिया गया कि रजिस्ट्री की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। शुभम का कहना है कि जब भी उन्होंने अर्जुन और इकबाल से रजिस्ट्री के बारे में बात की, तो उन्हें आश्वासन दिया जाता था, लेकिन बाद में उनका फोन उठाना बंद कर दिया गया। जब भी शुभम ने उन्हें इस मामले पर कोई बात करने की कोशिश की, तो उन्हें उल्टा धमकाया जाता और जान से मारने की धमकी दी जाती।
रजिस्ट्री पर लगाया स्टे
शुभम ने यह भी बताया कि भूमि स्वामी द्वारा धोखाधड़ी कर भूमि को किसी और को न बेचने के उद्देश्य से वकील के माध्यम से रजिस्ट्री पर स्टे लगवा दिया। इस घटना की शिकायत शुभम ने 18 जून 2023 को थाना कोतवाली में दर्ज कराई, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकला है। शुभम ने कलेक्टर और एसपी से इस मामले की जांच करने और दोषियों के विरुद्ध सख्त दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि उनकी रकम वापस दिलाई जाए और उन्हें न्याय मिले।
10वीं में 47 में से 12 विद्यार्थी ही हो पाए उत्तीर्ण, गुस्साए पालक पहुंचे कलेक्ट्रेट, प्राचार्य के स्थानांतरण की मांग
हाईस्कूल रजापुर के प्राचार्य पर अनियमितता के आरोप, ग्रामीणों ने की निलंबन की मांग
जयस प्रदेश संयोजक जामवन्त कुमरे के नेतृत्व में जिला कलेक्टर से की शिकायत
बैतूल। जनपद पंचायत प्रभात पट्टन अंतर्गत ग्राम पंचायत रजापुर के ग्रामीणों ने शासकीय हाईस्कूल के प्राचार्य शेलेन्द्र खातरकर पर बिना सूचना दिए कार्यस्थल पर अनुपस्थिति और सरपंच एवं पालकों के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने जयस प्रदेश संयोजक जामवन्त कुमरे के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराई है।
ग्रामीणों के अनुसार, प्राचार्य शैलेन्द्र खातरकर द्वारा बच्चों की टीसी और मार्कशीट समय पर नहीं दी जा रही हैं, और वे बिना सूचना के दोपहर 1 बजे तक अनुपस्थित रहते हैं, जिससे स्कूल की पढ़ाई और व्यवस्था प्रभावित हो रही है। सरपंच और पालक समिति द्वारा सवाल पूछे जाने पर, प्राचार्य ने अभद्रता की, जिसे ग्रामीणों ने शासकीय पदाधिकारी की अनैतिकता बताया।
— शिकायत में निलंबन की मांग–
शिकायत दर्ज कराने पहुंचे सरपंच पूनम आजाद, पूर्व सरपंच दिनेश आजाद, जामवन्त सिंह कुमरे जयस प्रदेश संयोजक, दिलीप धुर्वे, रमेश भलावी, सुरेश कुमरे समेत ग्रामीणों ने प्राचार्य के निलंबन की मांग की। सरपंच पूनम आजाद ने बताया कि ग्राम पंचायत रजापुर में जनसुनवाई के दौरान पालकों ने जानकारी दी कि स्कूल में केवल एक ही शिक्षक उपस्थित हैं और प्राचार्य बिना सूचना के गायब रहते हैं, जिसके कारण बच्चों को टीसी और अंकसूची नहीं मिल पा रही है। जनसुनवाई के बाद निरीक्षण करने गए तो प्राचार्य ने अभद्रता की, जो एक प्रतिनिधि ग्राम प्रमुख एवं महिला का अपमान है।
— स्कूल की बदहाल स्थिति–
सरपंच पूनम आजाद ने कहा कि प्राचार्य के व्यवहार के कारण स्कूल का माहौल खराब हो रहा है और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं में 47 विद्यार्थियों में से केवल 12 विद्यार्थी ही पास हो पाए हैं, जो प्राचार्य की लापरवाही का परिणाम है। बच्चों और पालकों को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।
— मांग: त्वरित कार्रवाई और प्राचार्य का स्थानांतरण– दिलीप धुर्वे जयस कार्यकर्ता ने सरपंच को बताया कि स्कूल समय पर नही लगता है, शिक्षक की कमी के कारण सभी विषयों की पढ़ाई नही हो पाती। सरपंच ने कलेक्टर से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि शासकीय हाईस्कूल के प्राचार्य शेलेन्द्र खातरकर के खिलाफ जांच कर, उन्हें निलंबित किया जाए और किसी अन्य शिक्षक को प्रभार सौंपा जाए। साथ ही, पुलिस अधीक्षक और जिला शिक्षा अधिकारी को भी सूचित कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।