त्याग और बलिदान का त्यौहार ईद उल अजहा सादगीपूर्ण तरीक़े से मनाया गया

बानेश्वर महतो

बानेश्वर महतो (सरायकेला खरसावां झारखण्ड) सरायकेला/तिरुलडीह: चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के तिरुलडीह, चौड़ा, आमडा, गौरांगकोचा, सिंदुरपुर, चांडिल और कपाली आदि जगहों पर त्याग और बलिदान का त्यौहार ईद उल अजहा (बकरीद) का त्यौहार सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया। इस मौके पर मस्जिदों में और ईदगाहों में मुस्लिम समाज के लोगों ने निर्धारित समय पर सामूहिक रुप ने अकीदत के साथ नमाज अदा की। इसके बाद लोग एक-दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद दी। वहीं मुस्लिम समाज के लोगों ने घरों में पर्दे के साथ कुर्बानियां पेश की। नूरी मस्जिद तिरुलडीह में पेशे इमाम कारी समीउल्लाह ने लोगों को अकीदत के साथ नमाज पढ़ाई। और देश में अमन चैन और तरक्की की दुआ की। इस दौरान पेशे इमाम कारी समीउल्लाह ने बताया कि हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत को अदा करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कुर्बानियां पेश की। और देश में अमन चैन और तरक्की की दुआ की गई। मालूम हो कि ईद के 70 दिन बाद ईद- उल-अजहा यानी बकरीद मनाया जाता है। इस दिन कुर्बानी दी जाती है। मुस्लिम समाज के लोगों के लिए बकरीद का त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इधर बकरीद को लेकर पुलिस-प्रशासन भी मुस्तैद रही। सुबह से ही ईदगाह और मस्जिदों के आसपास सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।

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