सिद्धार्थनगर। चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश के निर्देश पर जिले के 10 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू हो रही है। इससे किसानों की गांव में विभिन्न जगहों पर टुकड़ों में स्थित भूमि एक जगह हो जाएगी। साथ ही पिछले 40 से 50 वर्षों से जिस घर, स्कूल, बाग, खेत व खलिहान तक जाने का रास्ता नहीं था, वहां अब रास्ता मिल सकेगा। चकबंदी प्रक्रिया के तहत लिए 10 गांवों में तैनात राजस्व लेखपालों से अभिलेखीय चार्ज लेकर चकबंदी लेखपाल को सौंप दिया गया है। जिससे चकबंदी के दौरान इन गांव के किसानों को खसरा, खतौनी समेत अन्य राजस्व कार्य संबंधित चकबंदी लेखपाल से कराना होगा।
जिले के 2400 से अधिक राजस्व ग्रामों में 50 वर्ष से चकबंदी नहीं होने के कारण आए दिन रास्ता एवं भूमि संबंधी विवाद होते रहते हैं। भू-स्वामियों एवं किसानों के गांव में जगह-जगह छिटके भूमियों पर आने-जाने का रास्ता नहीं होने से कई मामलें तहसीलों व कोर्ट में लंबित हैं। पटीदारी व भाईयों के बीच बंटवारा होने के बाद जमीन के छोटे-छोटे टूकड़े विवाद का कारण बने हुए हैं। नौगढ़ तहसील क्षेत्र के सुकरौली निवासी पवन श्रीवास्तव कहते है कि पिछले 50 साल से गांव में स्थित घर पर चार पहिया वाहन जाने का रास्ता नहीं है। जबकि घर के सामने ही गड्ढे की भूमि है। अगर चकबंदी हो जाए तो राजस्व अभिलेखों में गड्ढे अथवा अन्य सरकारी भूमि का प्रयोग बदलकर रास्ते में दर्ज किया जा सकता है। मंझरिया निवासी अजय का कहना है कि 40 वर्ष से पटीदारी एवं भाईयों के बंटवारे के बाद पैतृक भूमि के छोटे-छोटे टूकड़े पर कृषि कार्य करने में बहुत दिक्कत होती है। अगर चकबंदी हो जाए तो सभी खातेदारों को एक ही स्थान पर संपूर्ण हिस्से की भूमि उपलब्ध हो जाएगी, जिससे कृषि कार्य करने में सहुलियत होगी।
अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग की ओर से चकबंदी आयुक्त को पत्र भेजने के बाद जिले के 10 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू हुई है। जिसके तहत इन गांवों के राजस्व लेखपालों से अभिलेखीय चार्ज लेकर चकबंदी लेखपाल को सुपुर्द कर दिया गया है।
चकबंदी लेखपाल ही करेंगे वरासत कार्य
चकबंदी वाले गांवों में राजस्व और चकबंदी लेखपालों के कार्य बंटे होंगे। इन गांवों में वरासत, नक्शा कार्य, भूमि पैमाइश, खसरा व खतौनी समेत समस्त भूमि संबंधी कार्य चकबंदी लेखपाल करेंगे। जबकि इन गांवों के लोगों की आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र संबंधी आवेदनों की जांच, सत्यापन एवं रिपोर्ट लगाने संबंधी कार्य राजस्व लेखपाल के जिम्मे होगा। चकबंदी समाप्त होने के बाद अभिलेखों के हस्तांरित होने के बाद भूमि समेत सभी कार्य राजस्व लेखपाल की ओर से किया जाएगा
भूमि विवाद में हो रही घटनाएं
जिले के सभी पांचों तहसील नौगढ़, बांसी, इटवा, शोहरतगढ़ व डुमरियागंज में जमीन के छोटे-छोटे टूकड़ों और रास्ते के विवाद के चलते मारपीट व हत्याएं तक हुईं हैं। इन पांचों तहसीलों में प्रति वर्ष भूमि विवाद के 30 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। यहां तक कि प्रत्येक तहसील एवं थाना दिवस में तीन चौथाई से अधिक मामले भूमि विवाद से जुड़े होते हैं। इनमें अधिकांश मामले रास्ते, टूकड़ों में बंटे भूमियों की पैमाइश संबंधित होते हैं। चकबंदी प्रक्
प्रदेश के 444, मंडल के 35 गांवों में होगी चकबंदी
चकबंदी आयुक्त के निर्देश पर प्रदेश के 444 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू हुई है। इसमें जिले के 10 गांवों समेत बस्ती जिले के 14, संतकबीर नगर के 11 गांवों समेत मंडल के 35 गांवों में चकबंदी होनी है। वहीं गोरखपुर मंडल के 37 गांव चकबंदी में शामिल हैं। इनमें महराजगंज के 19, कुशीनगर के चार, गोरखपुर के चार और देवरिया जिले के 10 गांवों में चकबंदी होगी। इससे इन गांवों के भू-स्वामियों के साथ ही ग्रामीणों को भूमि संबंधी मामलों में सहुलियत मिलेगी।
जिले के इन गांवों में हो रही चकबंदी
ग्राम तहसील चक्र
चंदनजोत उर्फ सुल्तानपुर तप्पा वैनिया डुमरियागंज प्रथम चक्र
गौरी तप्पा सगरा डुमरियागंज प्रथम चक्र
चोरथरी तप्पा बुद्धी इटवा द्वितीय चक्र
जगदीशपुर ग्रांट नौगढ़ प्रथम चक्र
चिल्लेदर्रा ग्रांट तप्पा घरवारसपार नौगढ़ प्रथम चक्र
धौरीकुइंया नौगढ़ द्वितीय चक्र
सैनुआ नौगढ़ द्वितीय चक्र
मैनुआ नौगढ़ द्वितीय चक्र
रुद्रमनडाड़ी नौगढ़ द्वितीय चक्र
उदयपुर तप्पा सहिला नौगढ़ द्वितीय चक्र
शासन के निर्देशानुसार जिले के 10 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू की गई है, इसके तहत इन गांवों के राजस्व संबंधी अभिलेख चकबंदी लेखपालों को सौंपा जा रहा है। चकबंदी कार्य निर्धारित समय में पूर्ण करने केनिर्देश दिए गए है।
शशांक शेखर राय, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी