जून को ज्येष्ठ अमावस्या है, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ मौका है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों को याद करें, उनकी स्मृति में तर्पण करें और उनके निमित्त जरूरतमंदों को दान दें। इससे पितर प्रसन्न होंगे और उनके आशीर्वाद से आपके जीवन में खुशियां आएंगी, दुख—दर्द दूर होंगे।
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पितर आपसे प्रसन्न हैं या नहीं इसके कुछ संकेतों का भी शास्त्रों में उल्लेख किया गया है। अगर आपको अचानक कहीं से धन प्राप्त होने लगे तो समझिए आपके पितर प्रसन्न हैं। अटके हुए काम पूरे होने लगें या फिर कोई नया काम शुरू हो तो इसे भी पितरों का आशीर्वाद माना जाता है।
जिन लोगों पर पितरों का आशीर्वाद होता है उन्हें पितर पक्ष या अमावस्या के दिन शुरु किए गए किसी भी नए काम में लाभ मिलता है। अगर आपको सपने में सांप दिखाई दे लेकिन उसे देखकर आप डरे नहीं तो यह पितरों की प्रसन्नता का संकेत है।
यदि आपका कोई काम अटक रहा है, पूरे प्रयास के बाद भी सफल नहीं हो पा रहा है तो छोटा सा उपाय करें। आप अपने पितरों को पूरी श्रद्धा से याद करें और अपना काम पूरा करने की प्रार्थना करें। यदि पितरों को याद कर लेने मात्र से ही वह काम पूरा हो जाता है तो जान लें कि आपके ऊपर पितरों की विशेष कृपा है।