तंबाकू का सेवन,स्वास्थ्य के लिए हानिकारक-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
तम्बाकू नियंत्रण समुदाय द्वारा किए गए अभूतपूर्व प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में सिगरेट पीने में कमी आई है, लेकिन इन कमज़ोर समूहों की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए।
वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा करने और इससे होने वाले नुकसान के लिए तंबाकू उद्योग को उत्तरदायी ठहराने का आह्वान करता है।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, डॉ अनीता चौहान, डॉ आरती शर्मा ने कहा कि तंबाकू और इसके उत्पादों के सेवन से जुड़े जोखिम और परिवार, समाज और पर्यावरण पर इसके बुरे प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
तम्बाकू का उपयोग और उसका सेवन कई प्रकार के कैंसर जैसे फेफड़े, स्वरयंत्र, मुंह, ग्रासनली, गला, मूत्राशय, गुर्दे, यकृत, पेट, अग्न्याशय, बृहदान्त्र और गर्भाशय ग्रीवा के साथ-साथ तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया के प्रमुख कारणों में से एक है। ऐसा अनुमान है कि तम्बाकू के सेवन के कारण हर साल 1 करोड़ से अधिक लोग मारे जाते हैं।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि
तम्बाकू न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि पर्यावरण पर भी कई तरह से बुरा प्रभाव डालता है।
कई देशों ने पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के तम्बाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क कन्वेंशन द्वारा निर्दिष्ट 18 वर्ष से अधिक तम्बाकू उत्पादों की बिक्री की न्यूनतम आयु को बढ़ाना शुरू कर दिया है।यह महत्वपूर्ण है कि हम युवा लोगों में तंबाकू के उपयोग को रोकें ताकि उन्हें आजीवन लत और इसके व्यापक प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से बचाया जा सके।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ