लू से करें बचाव -शिवानी जैन एडवोकेट

शिवानी जैन एडवोकेट की रिपोर्ट

लू से करें बचाव -शिवानी जैन एडवोकेट

ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि गर्मी व गर्म हवाएं शरीर में अक्सर ऐसा असर डालती हैं, जिस वजह से जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लू लगना भी इन्हीं स्थितियों में से एक है। धूप, गर्मी और गर्म हवा से शरीर को बचाकर ही हम इस स्थिति से बच सकते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि साल-दर-साल लू लगने से मरने वालों के आंकड़े में बढ़ोतरी होती ही जा रहा है।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि लू लगना वो स्थिति है, जो शरीर में गर्मी और बढ़ते तापमान की वजह से उत्पन्न होती है। इस दौरान हमारे शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। बाहरी तापमान और गर्म हवा की वजह से शरीर ठंडा नहीं हो पाता और शरीर का तापमान 106 डिग्री फेरनहाइट या इससे भी ज्यादा हो जाता है। लू लगने पर अगर तुरंत उपचार न मिले, तो मृत्यु या स्थायी विकलांगता भी हो सकती है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, डॉ संजीव शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन , डॉ आरती शर्मा आदि ने कहा कि सावधानियां बरत कर लू और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है- तेज गर्म हवा में बाहर जाने से बचें। नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें। घर से बाहर पूरी आस्तीन के और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि उनमें हवा लगती रहे।
सूती कपड़े पहनें।खाली पेट घर से बाहर न जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें।धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें।चश्मा पहनकर बाहर जाएं। चेहरे को कपड़े से ढक लें। घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि। साथ में पानी की बोतल लेकर चलें। बहुत ज्यादा पसीना आया हो तो फौरन ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी भी धीरे-धीरे करके पीएं।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ

Exit mobile version