अनुकरणीय है द्वापर के योगी श्री कृष्ण का जीवन

अनुकरणीय है द्वापर के योगी श्री कृष्ण का जीवन

अनुकरणीय है द्वापर के योगी श्री कृष्ण का जीवन

 

भरूआ सुमेरपुर। ग्राम इंगोहटा के हिम्मत बाबा समाधि स्थल में यज्ञ के दौरान चल रही भागवत पुराण कथा में श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कथा व्यास रोहित कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जो सबको अपनी ओर आकर्षित करे। भक्ति का मार्ग प्रशस्त करे, भक्तों के पाप दूर करे, वही श्रीकृष्ण है।

उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण का ऐसा आदर्श चरित्र है जो अर्जुन की मानसिक व्यथा का निदान करते समय एक मनोवैज्ञानिक, कंस जैसे असुर का संहार कर एक धर्मावतार, स्वार्थ पोषित राजनीति का प्रतिकार करते हुए एक आदर्श राजनीतिज्ञ, विश्व मोहिनी बंसी बजैया के रूप में सर्वश्रेष्ठ संगीतज्ञ, बृजवासियों के समक्ष प्रेमावतार, सुदामा के समक्ष एक आदर्श मित्र, सुदर्शन चक्रधारी के रूप में एक योद्धा व सामाजिक क्रान्ति के प्रणेता थे। उनके जीवन की छोटी से छोटी लीलाओं से यह सिद्ध होता है कि वह ऐश्वर्य सम्पन्न थे। धर्म की साक्षात मूर्ति थे। उनका चरित्र गाँव व नगर की संस्कृति को जोड़ता है। गरीब को अमीर से जोड़ता है। श्री कृष्ण पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। उनके आदर्शो पर चलकर जीवन सफल बनाया जा सकता है। इस अवसर पर पंडाल में श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं द्वारा बधाई गीत गाए गए।

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