अयोध्या
खोए हुए बच्चे को उसके माता पिताजी सेरितेश मिश्रा ने मिलवाया।उनका कहना है कि सेवा के लिए काफी फोन आता है।लेकिन दुःख इस बात का है। कि कहां कहां तक मामले को देखा जाए।इस सेवा कार्य में बहुत सी कठिनाइयां आती है।आम आदमी के बस की बात नहीं है ।कि वह सेवा कर सके क्योंकि आज के जमाने में किसी के पास समय नहीं है। सबसे बड़ी समस्या हमारा कार्य निस्वार्थ भाव रहता है। कुछ लोगों को यह लगता है। कि कुछ ना कुछ तो मिलता होगा। वह लोग आज जान जाए ना तो सरकार का कोई सहयोग है। ना अयोध्या जिले में किसी नेता मंत्री का सहयोग है।सबसे बड़ी दुख की बात यह है ।उतना बाइक में पेट्रोल नहीं रहता है ।कि हर लोगों की मदद कर सकूं सबसे बड़ी समस्या पेट्रोल की है।अब कुछ लोगों को रास्ता बता देता हूं लेकिन उनकी मदद नहीं कर पाता हमारे लायक जो होता है।उस कार्य को मैं करूंगा जो हमारे बस में नहीं रहेगा उस कार्य को जवाब दे देता हूं। ना तो किसी का नौकर हूं।ना किसी का गुलाम जबतक प्रभु की इच्छा होगी तबतक सेवा कार्य जारी रहेगा।