कलयुग में जीव का उद्धार भागवत से ही होता है- ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप जी

सरेखा केवलारी में शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा

 

 

रवि चक्रवती वन्दे भारत न्यूज  केवलारी

 

सिवनी केवलारी विकासखंड के ग्राम सरेखा में शुरू हुई कथा के प्रथम दिवस ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप जी ने बताया की भगवान् ने अपना सारा तेज श्रीमद्भागवत में स्थापित कर दिया । इसीलिए जो भगवान् के दर्शन का फल है वही फल श्रीमद्भागवत की पोथी के दर्शन का फल है । हम जो रथयात्रा निकालते हैं कि जो भागवत कथा न सुन पाए वो भागवत की पोथी का दर्शन कर ले, जो पापी लोग हैं वो भी दर्शन कर ले। कई बार पाप रोक लेते हैं, कुछ पुण्यात्मा होते हैं वो अच्छे काम में जल्दी आ जाते पापियों को उनके पाप रोक देते हैं । जो पुण्यात्मा होते वो अपने आप खिचे चले आते हैं वो नही देखते कौन करा रहा है, कौन कर रहा है, बुलाया नहीं बुलाया बस भगवान् की कथा हो रही है तो चलो, भगवान् की कथा का सेवन,श्रवण और दर्शन सब पाप नाश करने वाला है।

साथ ही पूज्य ब्रह्मचारी जी ने बताया की उद्धव जी कहते हैं कि इस जीव का उद्धार बिना कृष्ण प्रकाश के नहीं हो सकता । कृष्ण प्रकाश चाहिए। जब भगवान् कृष्ण थे तो उनका प्रकाश तो था ही और भगवान् चले गए तो अपना प्रकाश श्रीमद्भागवत में छोड़ गये तो कलियुग में जीव का उद्धार भागवत से ही होता है । इसीलिए भगवान् का जो तत्व है जो प्रकाश है यही भागवत है इसीलिए भागवत कथा सबको सुनना

चाहिए ।

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