अम्बेडकर जयंती प्रतियोगिता की विजेताओं को पुरस्कृत किया ◼️ अम्बेडकरजी के जीवन चरित्र पर निबंध, भाषण प्रतियोगिता

✍️राजस्थान सिरोही से जालम सिंह की रिपोर्ट✍️अम्बेडकर जयंती प्रतियोगिता की विजेताओं को पुरस्कृत किया ◼️ अम्बेडकरजी के जीवन चरित्र पर निबंध, भाषण प्रतियोगिता आयोजित ◼️ भारत चाणक्य परिषद व कर्मचारी महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में अम्बेडकर जयंती पर निबंध व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन खेतलाजी मंदिर के पास दक्षिणी मेघवाल वास सिरोही में किया गया। प्रतियोगिता संयोजक व भारत चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री गोपाल सिंह राव के अनुसार प्रतियोगिता में स्कूली शिक्षा व महाविद्यालय शिक्षा में अध्ययन रत पंजीकृत बालिकाओं ने भाग लिया। जिसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय को अम्बेडकर रत्न मैडल व शेष सभी प्रतिभागियों को कलम भेंट की गई।राव ने अपने उद्बोधन में कलम व विचार अभिव्यक्ति का महत्व बताया। अब लड़ाई तलवार से नहीं कलम से लडने का समय है तथा अपने विचारों की अभिव्यक्ति खुलकर करने का समय है।यह आजादी हमें बाबा साहेब ने दिलवाई है।अम्बेडकरजी ने कहा था “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो । मैं उसे धर्म को पसंद करता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है। धर्म मनुष्य के लिए है, मनुष्य धर्म के लिए नहीं। शिक्षा सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। विद्यार्थी की पहचान ज्ञान से होती है फिर चाहे उनकी जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। शिक्षा एक ऐसा साधन है, जो लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाता है ।” राव ने बताया कि जिन लोगों ने सैकड़ों वर्षों तक गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग का भरपूर शोषण किया ।मन से अब भी जातिवादी है।वे भी अब अम्बेडकरजी को दिखावे के लिए फूल , मादाएं पहनाकर दिखावा बढ़ चढ़ कर कर रहे है।अब हमें ज्यादा सावधान होने की आवश्यकता है। हमें उन लोगों व संगठनों से सावधान रहना है जो केवल राजनीतिक फायदे के लिए हमारा फायदा उठाना चाहते है। लोकतंत्र में संख्या बल का बड़ा महत्व है इसलिए हमें भीड़ का हिस्सा बनाने वालों से सावधान रहना होगा।जिन लोगों तथा संगठनों ने आज तक शीर्ष नेतृत्व की बागडोर से अनूसूचित जाति, जन जाति, पिछड़े व दलित वर्ग को वंचित रखा उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। वोट बैंक बढ़ाने की मंशा से काम करने वालों,अनुयायियों की संख्या बढ़ाने की मंशा से साथ रखने वालों से सतर्क, सावधान रहने की आवश्यकता है। हमें अपने विवेक का इस्तेमाल कर वास्तविक अम्बेडकर जी के सपनों को साकार करने वालों का साथ देने का समय है। भारतीय संविधान ही हमारा धर्म है। प्रतिभागियों को संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में पवनी देवी मेघवाल,अंजली मीणा,पुखराज शवंसा, रमेश कुमार मेघवाल का सहयोग रहा।

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