चैत्र नवरात्र का तीसरा दिन आज, मां भगवती के चंद्रघंटा स्वरूप की होगी पूजा

जयपुर ग्रामीण

हनूतपुरा

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां भगवती के चंद्रघंटा स्वरूप का पूजन किया जाता है।

मां के मस्तिष्क पर घंटा के आकार का अर्थ चंद्र है इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा है । उनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है।इनके 10 हाथ हैं जिनमें खड़क बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है । यह देवी संतुष्टि की देवी मानी जाती हैं । जीवन में सफलता के साथ शांति का अनुभव तब तक नहीं हो सकता जब तक की मन में संतुष्टि का भाव ना हो। अतः शान्ति पूर्वक समर्पित होकर मां की आराधना करनी चाहिए। आत्म कल्याण और शांति की तलाश जिसे हो उसे मां चंद्रघंटा की आराधना करनी चाहिए ।सुख , समृद्धि के लिए माता की आराधना सच्चे मन की जाती है।

मां चंद्रघंटा को नैवेद्य के रूप में दूध और इससे बने मिष्ठान प्रिय हैं। पूर्ण भाव से पूजा करने पर शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं।

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