☀️हद दर्जे की बेपरवाही☀️ सीएमएचओ ने शासकीय बंगले को चढ़ा दिया किराए पर?, ठेकेदार के कर्मचारी सीएमएचओ बंगले में कर रहे राज, शासकीय बिजली पानी का उपभोग कर रहे ठेकेदार के कर्मचारी, सीएमएचओ खुद को बता रहे अंजान

कटनी। अगर किसी व्यक्ति के घर में उसकी आंखों के सामने कोई दूसरा कब्जा कर ले और वह व्यक्ति खामोशी की चादर ओढ़ कर खुद को अंजान बताए तो इस बात को आप घर के मालिक का भोलापन कहेंगे या फिर कोई शातिर चाल। हम यह बात आपसे इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि शासकीय जिला अस्पताल में पिछले कुछ महीनो से ऐसा ही चल रहा है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जो शासकीय बंगला मिला हुआ है, उसमें इन दिनों जिला अस्पताल में काम करने वाले ठेकेदार ने कब्जा जमा रखा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का बंगला शासकीय जिला अस्पताल परिसर के अंदर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के ठीक बगल से मौजूद है। कार्यालय के ठीक बगल में मौजूद खुद के शासकीय बंगले में कौन रह रहा है यह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नहीं जानते, इतना ही नहीं शासकीय जिला अस्पताल परिसर के अंदर मौजूद प्रत्येक संपत्ति के मालिक सिविल सर्जन भी खुद को इस पूरे मामले से अंजान बताते हैं। अब ये अधिकारी शासकीय बंगले में कब्जे की बात जानते हैं या फिर जानबूझकर अंजान बने बैठे हैं इसका अंदाजा आपको लग ही गया होगा। सीएमएचओ बंगले में कब्जा करके ठेकेदार और उसके कर्मचारी शासकीय बिजली और पानी का मुफ्त उपभोग कर रहे हैं इतना सब कुछ होते हुए भी जिम्मेदारों ने आंखें मूंद रखी हैं।

किराए पर चढ़ाया बंगला

चर्चा तो इस बात की भी है कि खुद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अठया उन्हें मिले शासकीय बंगले को किराए पर चढ़ा रखा है। उन्होंने अस्पताल में काम करने वाले ठेकेदार को अपना बंगला किराए पर दे रखा है और खुद सिविल लाइन स्थित अपने निजी मकान में रहते हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के शासकीय बंगले में अभी भी पूर्व अधिकारी का बोर्ड टंगा हुआ है। पिछले कई महीनो से यहां पर ठेकेदार के कर्मचारी रहते हैं जो कि अस्पताल के अंदर ही निर्माण कार्य में लगे हुए हैं।

 

हद दर्जे की लापरवाही

स्वास्थ्य महकमें के जिम्मेदार अधिकारी यदि इस तरह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करेंगे तो फिर भला और किसी से क्या उम्मीद रखी जाए। शासकीय जिला अस्पताल और जिले का स्वास्थ्य महकमा कितना काबिल है यह बात किसी से छिपी नहीं है।

इनका कहना है

इस मामले को लेकर बातचीत करते हुए सीएमएचओ डॉक्टर अठया ने कहा कि मुझे अभी तक कोई शासकीय बांग्ला अलर्ट नहीं किया गया है। बंगले में कौन रह रहा है कौन नहीं मुझे नहीं पता। बंगले में शायद मेंटेनेंस का काम चल रहा है और वहां मौजूद लोग मेंटेनेंस के काम में लगे हुए हैं।

इनका कहना है

सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा ने इस मामले में बात करते हुए कहा कि सीएमएचओ के नाम पर बांग्ला अलॉट है जिसकी चाबी आज तक हमें नहीं मिली है बांग्ला सीएमएचओ के पोजीशन में है अगर कोई वहां रह रहा है तो उनकी अनुमति के बगैर नहीं रह रहा होगा। अगर बंगले में कब्जा किया गया है तो इसके लिए सीएमएचओ को पत्र लिखकर जवाब मांगा जाएगा।

Exit mobile version